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UPSC Prelims 2025 Geography: Syllabus, Trend, and Strategy

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UPSC Prelims 2025 Geography: Syllabus, Trend, and Strategy

UPSC Prelims 2025 Geography: Syllabus, Trend, and Strategy
21 Mar 2025

भूगोल UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 का भी एक बड़ा भाग है। पिछले कई वर्षों से, प्रारंभिक परीक्षा में भूगोल का स्थिर महत्व बना हुआ है, जिसके कारण यह अभ्यर्थियों के लिए एक अनिवार्य विषय बन जाता है। पाठ्यक्रम की स्पष्ट समझ, पिछले वर्षों का ट्रेंड और एक सुव्यवस्थित तैयारी की रणनीति अच्छे अंक प्राप्त करने की संभावना को बढ़ा सकती है।

यह ब्लॉग UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2025 के लिए भूगोल की तैयारी करने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है। इसमें पाठ्यक्रम, ट्रेंड एनालिसिस और एक प्रभावी तैयारी की रणनीति को शामिल किया गया है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2025 भूगोल का पाठ्यक्रम 

UPSC द्वारा दिया गया भूगोल का पाठ्यक्रम - भारतीय और विश्व भूगोल - भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।लेकिन पिछले 10 वर्षों के विश्लेषण के आधार पर इसे निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:

1. भौतिक भूगोल

  • भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology): पृथ्वी की उत्पत्ति और संरचना, चट्टानों के प्रकार और उनकी विशेषताएँ, प्लेट टेक्टोनिक्स, भू-आकृतियाँ, भूकंप, ज्वालामुखी, अपक्षय और अपरदन।
  • जलवायु विज्ञान (Climatology): वायुमंडल, दाब पेटियाँ, पवन प्रणालियाँ, वायु राशि, जेट स्ट्रीम, बादल, चक्रवात और जलवायु परिवर्तन।
  • महासागर विज्ञान (Oceanography): महासागरीय तल का उच्चावच, महासागरों का वितरण, तापमान और लवणता, महासागरीय निक्षेप, महासागरीय धाराएँ, ज्वारभाटा, एल नीनो, ला नीना आदि।
  • पर्यावरणीय भूगोल/जैव भूगोल (Environmental Geography/Biogeography): मिट्टी, वनस्पति के प्रकार, जैवमंडल, पारिस्थितिकी तंत्र, पर्यावरणीय गिरावट और संरक्षण।

2. भारतीय भूगोल

  • भौतिक स्वरूप (Physiography): हिमालय, प्रायद्वीपीय पठार, तटीय मैदान, द्वीप समूह।
  • जलवायु (Climate): ऋतुएँ, मानसून, जलवायु क्षेत्र।
  • प्रवाह प्रणाली (Drainage System): नदियाँ, झीलें और आर्द्रभूमि।
  • मिट्टी और वनस्पति (Soil and Vegetation): प्रकार, वितरण, मिट्टी का कटाव और संरक्षण।
  • प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources): खनिज, ऊर्जा संसाधन, उद्योग।
  • कृषि (Agriculture): फसल प्रारूप, सिंचाई, हरित क्रांति।
  • आपदा प्रबंधन (Disaster Management): बाढ़, सूखा, भूकंप, भूस्खलन, चक्रवात आदि।

3. विश्व भूगोल

  • महत्वपूर्ण भौगोलिक घटनाएँ: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि और चक्रवात।
  • विश्व में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण।
  • विश्व के पर्वत श्रृंखलाएँ।
  • विश्व के मरुस्थल।
  • जल निकाय जैसे झीलें, नदियाँ, समुद्र आदि।

4. मानव और आर्थिक भूगोल

  • जनसंख्या और शहरीकरण।
  • भारत की जनजातियाँ।
  • बस्तियाँ, प्रवास और जनसांख्यिकीय रुझान।
  • उद्योग और व्यापार।
  • परिवहन और संचार नेटवर्क।

यह विभाजन UPSC प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने में मदद करता है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा में भूगोल का ट्रेंड एनालिसिस 

1. भूगोल प्रश्नों का भार (Weightage of Geography Questions)

पिछले 10 वर्षों में इस खंड से कुल 98 प्रश्न पूछे गए हैं। इसका अर्थ है कि UPSC प्रारंभिक परीक्षा में प्रतिवर्ष भूगोल से औसतन 8-10 प्रश्न पूछे जाते हैं। ये प्रश्न केवल तथ्यात्मक नहीं होते हैं, बल्कि इनमें अवधारणात्मक समझ (Conceptual Understanding) और अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

2. प्रश्नों की प्रकृति 

  • संकल्पना-आधारित प्रश्न: प्लेट विवर्तनिकी, वायुमंडलीय परिसंचरण और जलवायु पैटर्न जैसी बुनियादी अवधारणाओं का अनुप्रयोग।
  • मानचित्र-आधारित प्रश्न: स्थलों, नदियों, पर्वत श्रृंखलाओं, जैवमंडल रिजर्व और औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति।
  • जैव-भूगोल प्रश्न: मिट्टी, उसके प्रकार और संरक्षण विधियों से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं, जो प्रारंभिक परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन जाता है।
  • आर्थिक भूगोल प्रश्न: संसाधनों, उद्योगों और कृषि पैटर्न का वितरण।

समग्र अवलोकन:

  • अधिकांश प्रश्न स्थिर और मानक स्रोतों से आते हैं, जिससे प्रश्नों का कठिनाई स्तर समग्र रूप से मध्यम रहता है।
  • बहुत कम प्रश्न असामान्य स्रोतों से पूछे जाते हैं।
  • कुछ प्रश्नों का संबंध समाचार पत्रों के लेख (Article) और करेंट अफेयर्स से होता है।

3. करेंट अफेयर्स का महत्व: 

  • प्रश्नों में करेंट अफेयर्स को शामिल किया जा रहा है, विशेष रूप से पर्यावरणीय चिंताओं, प्राकृतिक आपदाओं, वैश्विक जलवायु घटनाओं और चर्चा में रहने वाले स्थलों से संबंधित।
  • UPSC में धीरे-धीरे विश्लेषणात्मक और अनुप्रयोग-आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ रही है।

मैपिंग की क्लास देखने के लिए क्लिक कीजिए 

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए भूगोल की तैयारी कैसे करें 

1. NCERT से शुरुआत कीजिए

- कक्षा 6 से 12 की NCERT भौतिक, भारतीय और मानव भूगोल की मूल बातें कवर करती हैं।

- मानचित्र, चित्र और महत्वपूर्ण शब्दावलियों पर फोकस कीजिए।

- महत्वपूर्ण अवधारणाओं (Important Concepts) का बार-बार रिवीजन कीजिए।

2. मानक पुस्तकों का संदर्भ लीजिए

- सवींद्र सिंह की "भौतिक भूगोल" भारत एवं विश्व के भौतिक भूगोल की अवधारणात्मक समझ के लिए।

- कोई भी एटलस भारत और विश्व के मानचित्र अभ्यास के लिए।

- VisionIAS के क्लासरूम मटेरियल की सहायता भी ली जा सकती है।

3. भूगोल को करेंट अफेयर्स के साथ जोड़िए

- द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस और दैनिक जागरण जैसे अखबार पढ़िए।

- आर्थिक सर्वेक्षण, इंडिया ईयर बुक और पर्यावरण रिपोर्ट जैसी सरकारी रिपोर्ट्स का संदर्भ लिया जा सकता है।

- मासिक करंट अफेयर्स मैगजीन, PT365 पढ़िए और स्मार्ट क्विज के साथ अभ्यास कीजिए।

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4. मानचित्र-आधारित अध्ययन पर फोकस

- नियमित रूप से भारत और विश्व के मानचित्रों का अभ्यास करना चाहिए।

- महत्वपूर्ण नदियों, पर्वत श्रृंखलाओं, राष्ट्रीय उद्यानों और औद्योगिक क्षेत्रों को याद रखिए।

- जलवायु पैटर्न, महासागरीय धाराओं और व्यापार मार्गों को समझने के लिए मानचित्रों का उपयोग कीजिए।

5. पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs) और मॉक टेस्ट को हल करना

- प्रश्नों के पैटर्न एवं प्रकृति को समझने के लिए पिछले 10 वर्षों के PYQs का विश्लेषण कीजिए।

- सेक्शनल टेस्ट के साथ टॉपिक-वाइज अभ्यास कीजिए।

- फुल-लेंथ टेस्ट का अभ्यास कीजिए ताकि समय प्रबंधन और Accuracy में सुधार हो।

- एक अच्छी टेस्ट सीरीज द्वारा अभ्यास कीजिए ताकि वास्तविक परीक्षा जैसा अनुभव मिल सके।

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10 वर्षों के PYQs देखने के लिए क्लिक कीजिए

6. स्मार्ट रिवीजन

- महत्वपूर्ण टॉपिक्स के लिए शॉर्ट नोट्स और माइंड मैप बनाइए।

- मानचित्र और स्थल-आधारित तथ्यों का नियमित रूप से रिवीजन कीजिए।

- रिवीजन के नियम का पालन करें: पहला रिवीजन एक सप्ताह में, दूसरा एक महीने में और तीसरा परीक्षा से पहले।

Quick Revision Material

यह रणनीति UPSC प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने में मदद करेगी। 

मुख्य गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए

  • NCERT को नजरअंदाज करना: कई अभ्यर्थी सीधे मानक संदर्भ पुस्तकों का अध्ययन शुरू करते हैं, जिससे अवधारणात्मक स्पष्टता लाने में कठिनाई आती है। 
  • मानचित्र अभ्यास न करना: भूगोल के कई प्रश्न सीधे स्थलों, नदियों और जलवायु क्षेत्रों पर आधारित होते हैं।
  • मॉक टेस्ट न देना: उचित परीक्षण (Proper Testing) के बिना, अभ्यर्थी अपने कमजोर क्षेत्रों का विश्लेषण नहीं कर पाते।
  • करेंट अफेयर्स पर अत्यधिक निर्भरता: यद्यपि करेंट अफेयर्स महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उन्हें स्थिर अवधारणाओं (Static Concepts) से जोड़ा जाना चाहिए।
  • पिछले वर्षों के प्रश्नों (PYQs) का विश्लेषण न करना: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के विश्लेषण से महत्वपूर्ण टॉपिक्स और प्रश्नों की प्रकृति को समझना आसान हो जाता है। जिससे तैयारी को सही दिशा दी जा सकती है। 

निष्कर्ष

भूगोल UPSC प्रारंभिक परीक्षा में सबसे अधिक स्कोरिंग, लेकिन अवधारणा-गहन (Concept-Dense) विषयों में से एक है। NCERT, मानक पुस्तकों, मानचित्र अभ्यास, करेंट अफेयर्स और मॉक टेस्ट के साथ एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण के साथ तैयारी करने से इस विषय में अच्छा प्रदर्शन सुनिश्चित संभव है। प्रारंभिक परीक्षा के लिए शेष समय में, रिवीजन, स्मार्ट लर्निंग और मॉक टेस्ट हल करने पर ध्यान केंद्रित कीजिए ताकि सफलता की संभावना को अधिकतम किया जा सके।

इस सुव्यवस्थित रणनीति का पालन करके, अभ्यर्थी UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2025 में भूगोल को आत्मविश्वास से हल कर सकते हैं और परीक्षा में अपने समग्र प्रदर्शन को बढ़ा सकते हैं।

परीक्षा के लिए शुभकामनाएं!

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