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राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति: त्यागपत्र एवं संवैधानिक प्रावधान

प्रमुख लेख

राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति: त्यागपत्र एवं संवैधानिक प्रावधान

राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति: त्यागपत्र एवं संवैधानिक प्रावधान
31 Jul 2025
Table of Contents

भूमिका / Introduction

भारत के राष्ट्रपति (President) और उप-राष्ट्रपति (Vice-President) देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद हैं, जिनकी नियुक्ति, इस्तीफे, पद रिक्ति और अधिकारों के प्रावधान संविधान के भाग 5 में अति स्पष्टता के साथ निर्धारित हैं। हाल ही में उप-राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद, इन दोनों पदों की संवैधानिक प्रक्रियाएँ, उनका तुलनात्मक मूल्य और परीक्षा-उपयोगी पक्ष समझना जरूरी है।

करेंट से जुड़ा मुद्दा (Current Affairs Issue)

  • 21 जुलाई 2025: उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 जुलाई को स्वीकार किया।
  • कार्यवाहक अध्यक्ष: राज्यसभा के उपसभापति, हरिवंश नारायण सिंह, उपसभापति के कार्यक्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं।
  • चयन प्रक्रिया: चुनाव आयोग ने नए उप-राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की; संसद के दोनों सदनों द्वारा एकल संक्रमणीय मत पद्धति से (Single Transferable Vote) से नए उप-राष्ट्रपति का चयन किया जाता है।
  • राष्ट्रपति पद से जुड़ी जिम्मेदारियाँ: राष्ट्रपति के इस्तीफे, हटाने, या रिक्ति की स्थिति में भी स्पष्ट संवैधानिक व्यवस्था है- राष्ट्रपति का इस्तीफा उप-राष्ट्रपति को जाता है; रिक्ति की दशा में उप-राष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बनते हैं।
  • विस्तृत अपडेट: VisionIAS UPSC Daily News Summary (Hindi)

Static Content– तुलनात्मक विवेचन

प्रमुख संवैधानिक प्रावधान (Key Constitutional Articles)

आधार

राष्ट्रपति (President)

उप-राष्ट्रपति (Vice-President)

अनुच्छेद (Article)

अनु. 52–62

अनु. 63–71

पद रिक्ति का कारण

मृत्यु, इस्तीफा, हटाया जाना, कार्यकाल पूर्ण

मृत्यु, इस्तीफा, हटाया जाना, कार्यकाल पूर्ण

इस्तीफे का प्रावधान

अनु. 56 (a): ‘उप-राष्ट्रपति को लिखित पत्र’

अनु. 67 (a): ‘राष्ट्रपति को लिखित पत्र’

हटाने की प्रक्रिया

महाभियोग (Impeachment), अनु. 61

राज्यसभा बहुमत प्रस्ताव + लोकसभा सहमति; 14 दिन पूर्व सूचना

कार्यवाहक व्यवस्था

रिक्ति पर उप-राष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति

कोई “कार्यवाहक उप-राष्ट्रपति” नहीं; उपसभापति राज्यसभा अध्यक्ष

चुनाव प्रक्रिया

सांसद (राज्यसभा के मनोनीत सदस्यों को छोड़कर) + राज्यों की विधानसभाएँ (Electoral College)

केवल संसद के दोनों सदनों के सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत दोनों)

कार्यकाल

5 वर्ष (विस्तारण संभव, नया कार्यकाल)

5 वर्ष (विस्तारण संभव, नया कार्यकाल)

पदग्रहण

संसद के समक्ष शपथ

राष्ट्रपति के समक्ष शपथ

महत्वपूर्ण बिंदु

  • राष्ट्रपति का इस्तीफा:
    • अनु. 56(1)(a) के तहत, राष्ट्रपति “स्वयं के हस्ताक्षरित पत्र द्वारा” उप-राष्ट्रपति को इस्तीफा दे सकते हैं।
  • राष्ट्रपति पद रिक्त:
    • अनु. 65(1): पद रिक्त होने पर उप-राष्ट्रपति “कार्यवाहक राष्ट्रपति” (Acting President) बन कर कार्य सम्भालते हैं।
  • उप-राष्ट्रपति का इस्तीफा:
    • अनु. 67(a): राष्ट्रपति को लिखित पत्र।
  • उप-राष्ट्रपति पद रिक्त:
    • कोई कार्यवाहक उप-राष्ट्रपति नहीं; इस स्थिति में राज्यसभा के उपसभापति सदन के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
  • दोनों के चुनाव का तरीका:
    • राष्ट्रपति: आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) द्वारा, एकल संक्रमणीय मत पद्धति (Single Transferable Vote) व सीक्रेट बैलट, MPs+MLAs।
    • उप-राष्ट्रपति: केवल MPs द्वारा, Single Transferable Vote व सीक्रेट बैलट।

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भारत में राष्ट्रपति का अप्रत्यक्ष निर्वाचन क्यों?

भारत में राष्ट्रपति का निर्वाचन प्रत्यक्ष मत द्वारा न होकर निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) के माध्यम से होता है। इस निर्णय के पीछे संविधान सभा में उठाए गए मुख्य तर्क निम्नलिखित हैं:

  1. संसदीय प्रणाली की रक्षा: संविधान सभा में बी.आर. आंबेडकर ने प्रत्यक्ष राष्ट्रपति निर्वाचन का प्रस्ताव ठुकराते हुए बताया कि यदि राष्ट्रपति को जनता सीधे चुनती, तो वह मंत्रिपरिषद़ का प्रतिद्वंद्वी केन्द्र बिंदु बन सकता था। इससे संसदीय प्रणाली में कार्यनीतिक उत्तरदायित्व (ministerial responsibility) बाधित हो जाता। 
  2. पार्टी व धन-बल का प्रभाव कम करना: प्रो. के.टी. शाह ने प्रत्यक्ष निर्वाचन का समर्थन करते हुए तर्क दिया कि इस से राष्ट्रपति पूरी तरह जनता का प्रतिनिधि बनेगा; लेकिन कई सदस्यों ने कहा कि प्रत्यक्ष निर्वाचन के लिए व्यापक राष्ट्रव्यापी प्रचार-प्रसार तथा विशाल धन-बल की आवश्यकता होगी, जो निर्वर्य पद को राजनीतिक दलों तथा धनशक्ति का मुखौटा बना देगा। 
  3. केन्द्र-राज्यों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना: संविधान सभा ने स्वीकार किया कि राष्ट्रपति के पास केन्द्र के साथ-साथ राज्यों पर भी कुछ औपचारिक शक्तियाँ होंगी; अतः राष्ट्रपति निर्वाचन में न केवल सांसदों (Lok Sabha और Rajya Sabha) को, बल्कि राज्य विधानों के निर्वाचित सदस्यों (MLAs) को भी शामिल करना चाहिए। इस प्रकार, राज्यों का एक समान और उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ।
  4. पद की गरिमा और तटस्थता बनाए रखना: राष्ट्रपति का पद मुख्यतः औपचारिक एवं प्रतीकात्मक है। अप्रत्यक्ष निर्वाचन से इस पद की गरिमा और गैर-पार्टीगत (non-partisan) तटस्थता बनी रहती है, क्योंकि निर्वाचक मंडल में विविध राजनीतिक धारणाओं के प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं।

राष्ट्रपति को एक ऐसी परिसीमा के माध्यम से चुनना था जो संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखे, साथ ही केंद्र तथा राज्यों के बीच संतुलन बनाये रखे और संसदीय प्रणाली में शक्तियों के टकराव से बचाए।

Quick Revision Table: 

प्रक्रिया

राष्ट्रपति (President)

उप-राष्ट्रपति (Vice-President)

इस्तीफा कैसे?

उप-राष्ट्रपति को लिखित पत्र

राष्ट्रपति को लिखित पत्र

इस्तीफा मिलने पर

पद तुरंत रिक्त

पद तुरंत रिक्त

रिक्ति/कार्यवाहक व्यवस्था

उप-राष्ट्रपति, ‘कार्यवाहक राष्ट्रपति’ बनते हैं

राज्यसभा उपसभापति – अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी

चुनाव अवधि/समय

6 माह के भीतर चुनाव जरूरी (अनु. 62)

निश्चित तिथि नहीं, यथाशीघ्र चुनाव निर्देश

नया कार्यकाल

पूर्ण 5 वर्ष

पूर्ण 5 वर्ष

UPSC Key Points:

  • राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के इस्तीफा, पद रिक्ति, हटाने, निर्वाचन- सभी बिन्दुओं के संवैधानिक प्रावधान एवं अनुच्छेद जरूर याद रखें।
  • कार्यवाहक प्रावधान में अंतर:
    • राष्ट्रपति पद रिक्त होने पर उप-राष्ट्रपति “कार्यवाहक राष्ट्रपति” बन जाते हैं।
    • उप-राष्ट्रपति पद रिक्त होने पर कोई कार्य वाहक  नहीं, केवल राज्यसभा उपसभापति अध्यक्षता करते हैं।
  • राष्ट्रपति की रिक्ति पर नया चुनाव 6 महीने में अनिवार्य; उप-राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं।
  • राष्ट्रपति हटाने के लिए महाभियोग (Impeachment), उप-राष्ट्रपति के लिए ‘removal resolution’ अधिक सरल है।

अभ्यास प्रश्न (Practice Questions)

Prelims MCQ:

  1. राष्ट्रपति के इस्तीफे पर राष्ट्रपति किसे लिखित पत्र सौंपते हैं?(A) प्रधानमंत्री(B) उप-राष्ट्रपति(C) लोकसभा अध्यक्ष(D) मुख्य न्यायाधीशउत्तर: (B) उप-राष्ट्रपति
  2. उप-राष्ट्रपति के इस्तीफे का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?(A) अनु. 62(B) अनु. 67(a)(C) अनु. 63(D) अनु. 71उत्तर: (B) अनु. 67(a)

Prelims PYQs

Q. भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः (2018)

1. प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है।

2. लोकसभा के सांसदों के वोट का मूल्य राज्य सभा के सांसदों के वोट के मूल्य से अधिक होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही 2

उत्तरः A

Q. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः (2023)

1. यदि भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा शून्य घोषित कर दिया जाता है, तो ऐसे विनिश्चय की तिथि से पूर्व राष्ट्रपति के पद के कर्तव्यों के निष्पादन में राष्ट्रपति के द्वारा किए गए सभी कृत्य अविधिमान्य हो जाते हैं।

2. भारत के राष्ट्रपति के पद के लिए निर्वाचन इस आधार पर मुल्तवी किया जा सकता है कि कुछ विधान-सभाएं विघटित हो गई हैं और उनके निर्वाचन अभी होने शेष हैं।

3. कोई विधेयक भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए जाने पर, संविधान द्वारा विहित की गई समय सीमा के अंदर राष्ट्रपति को अपनी अनुमति देनी होती है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

उत्तरः D

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Mains Question:

“राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति की पद रिक्ति, इस्तीफा एवं चयन की संवैधानिक प्रक्रियाओं की तुलना करें। कार्यवाहक व्यवस्था के अंतर और संसद के सुचारू संचालन में उनके महत्व का समग्र विश्लेषण प्रस्तुत करें।”

उत्तर की रूपरेखा:

  • हाल के घटनाक्रम का संदर्भ देकर उत्तर का परिचय दीजिए (संवैधानिक उपबंधों का उल्लेख किया जाना चाहिए)।
  • राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति की पद रिक्ति, इस्तीफा एवं चयन की संवैधानिक प्रक्रियाओं को तुलनात्मक रूप से समझाइए (टेबल का उपयोग किया जा सकता है)।
  • कार्यवाहक व्यवस्था और संसद के सुचारु संचालन में उपराष्ट्रपति के महत्व को समझाइए। 
  • इस व्यवस्था का महत्व बताकर उत्तर को समाप्त कीजिए। 

Mains PYQs

भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए) (2022)

Critically examine the procedures through which the Presidents of India and France are elected. (Answer in 250 words)

राज्य सभा के सभापति के रूप में भारत के उप-राष्ट्रपति की भूमिका की विवेचना कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए) (2022)

Discuss the role of the Vice-President of India as the Chairman of the Rajya Sabha. (Answer in 150 words)

निष्कर्ष

राष्ट्रपति व उप-राष्ट्रपति से जुड़े संवैधानिक प्रावधान न केवल भारतीय शासनतंत्र की स्थिरता, निरंतरता और लोकतांत्रिक पारदर्शिता का संकेत देते हैं, बल्कि परीक्षा दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण हैं। 

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