राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की कार्यकारी समिति ने विविध प्रमुख जैव विविधता परियोजनाओं को मंजूरी दी | Current Affairs | Vision IAS
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    राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की कार्यकारी समिति ने विविध प्रमुख जैव विविधता परियोजनाओं को मंजूरी दी

    Posted 15 Nov 2024

    Updated 18 Nov 2024

    14 min read

    इन नई परियोजनाओं का उद्देश्य गंगा नदी और उसके जल में रहने वाले जीवों के संरक्षण प्रयासों को बढ़ाना है।

    स्वीकृत प्रमुख परियोजनाएं

    • चंबल, सोन, दामोदर और टोंस नदियों के पर्यावरणीय प्रवाह का आकलन करने की परियोजना:
      • पर्यावरणीय प्रवाह से आशय प्राकृतिक अपवाह से है। यह वास्तव में किसी नदी में जल की पर्याप्त मात्रा और समय पर उसकी उपलब्धता बनाए रखता है। 
    • उत्तर प्रदेश में गंगा बेसिन में संकटग्रस्त कछुओं के संरक्षण की परियोजना:
      • इस परियोजना का उद्देश्य संकटग्रस्त कछुओं की प्रजातियों का पुनर्वास और अत्यधिक संकटापन्न कछुओं की प्रजातियों को फिर से वापस लाना है।
      • इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में स्थानिक निगरानी और रिपोर्टिंग टूल की स्थापना की जाएगी।
    • फंसी हुई (असहाय) गंगा नदी-डॉल्फिन के संरक्षण के लिए बचाव प्रणाली में सुधार:
      • उद्देश्य: संकट में फंसी डॉल्फिन की सहायता के लिए डॉल्फिन एम्बुलेंस नामक विशेष बचाव वाहन का विकास और तैनात करना।
      • यह परियोजना प्रशिक्षण के माध्यम से डॉल्फिन संरक्षण और सामुदायिक क्षमता निर्माण हेतु जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

    गंगा डॉल्फिन (प्लैटनिस्टा गैंगेटिका) के बारे में

    • पर्यावास स्थल: भारत में गंगा-ब्रह्मपुत्र-बराक नदियों में तथा भारत, नेपाल और बांग्लादेश की गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना व कर्णफुली-सांगु नदियों में पाई जाती है।
    •  विशेषताएं: 
      • ये ताजे जल में पाई जाती हैं। 
      • ये दृष्टिहीन होती हैं और शिकार का पता लगाने के लिए अल्ट्रासोनिक ध्वनि उत्सर्जित करती हैं।
    • मुख्य खतरे: 
      • मछली पकड़ने के उपकरणों (जैसे जाल) में उलझने से इनकी मौत हो जाती है; 
      • डॉल्फिन का तेल प्राप्त करने के लिए इनका अवैध शिकार किया जाता है; 
      • विकास परियोजनाओं के कारण इनके पर्यावास नष्ट हो रहे हैं; 
      • औद्योगिक अपशिष्ट, कीटनाशकों आदि की वजह से नदी जल प्रदूषित हो रहा है इत्यादि। 
    • संरक्षण स्थिति: 
      • IUCN रेड लिस्ट: एंडेंजर्ड; 
      • CITES: परिशिष्ट-I में सूचीबद्ध;
      • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची-1 में सूचीबद्ध।

    गंगा-नदी डॉल्फिन के संरक्षण के लिए पहलें:

    • गंगा-नदी डॉल्फिन को ‘भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव’ (National Aquatic Animal of India) घोषित किया गया है।
    • केंद्र प्रायोजित योजना ‘वन्यजीव पर्यावासों का विकास’ के तहत  22 क्रिटिकली एंडेंजर्ड प्रजातियों में गंगा-नदी डॉल्फिन भी शामिल है। इस योजना के तहत संरक्षण हेतु राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
    • प्रोजेक्ट डॉल्फिन योजना चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य गंगा नदी डॉल्फिन और इसके नदी पारिस्थितिकी-तंत्र को संरक्षित करना है। 
    • गंगा-नदी डॉल्फिन के कई महत्वपूर्ण पर्यावासों को संरक्षित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है। इनमें बिहार का विक्रमशिला डॉल्फिन अभयारण्य भी शामिल है।
      • विक्रमशिला अभयारण्य भारत का एकमात्र डॉल्फिन-अभयारण्य है।
    • Tags :
    • NMCG
    • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन
    • जैव विविधता परियोजना
    • गंगा डॉल्फिन
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