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Environment Class 01 Hindi

विगत क्लास की चर्चा (1:05:09 PM)-

जैव भू रसायन चक्र (1:14:24 PM)

  • यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खनिज तत्व एक जीव से दूसरे जीव की ओर स्थतांत्रित होते हैं|
  • इसे पोषण चक्र भी कहते हैं|
  • इसे खनिज चक्र भी कहते हैं|
  • इसमें उत्पादक,उपभोक्ता और अपघटक शामिल होता है|
  • यह जैवमण्डल में सम्पन्न होता है 
  • इस चक्र में गैसीय एवं अवसादी चक्र शामिल हैं|

प्रत्येक चक्र में 3 प्रक्रियाएं शामिल हैं-

  • अपटेक 
  • रिटेन्शन 
  • रिलीज 

जल चक्र (1:24:45 PM)- बोर्ड के माध्यम से चर्चा 

शामिल प्रक्रिया-

  • सूर्य प्रकाश का निवेश 
  • वाष्पीकरण की प्रक्रिया 
  • वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया 
  • संघनन की प्रक्रिया 
  • बादल का निर्माण 
  • वायुमंडलीय सूक्ष्म आर्द्रता ग्राही नाभिक कीउपस्थिति 
  • इसमें जल की तानों अवस्थाएं शामिल होती हैं (ठोस,द्रव ,गैस)

कार्बन चक्र (1:34:53 PM)- बोर्ड के माध्यम से चर्चा 

नाइट्रोजन चक्र (1:50:01 PM)-बोर्ड के माध्यम से चर्चा 

नाइट्रोजन का आगमन -

  • जीवाश्म ईंधन के दहन से 
  • नाइट्रोजनी 
  • जेट यान के ईंधन के दहन से 
  • जैविक पदार्थों के अपघटन से 
  • विनाइट्रीकरण की प्रक्रिया से 

नाइट्रोजन चक्र में शामिल क्रियाएं- (बोर्ड पर परिचर्चा )

 नाइट्रोजन चक्र का क्रियान्वयन (2:05:36 PM)-

नाइट्रोजन - वायुमंडलीय नाइट्रोजन का BJA का मृदा में लाया जाना नाइट्रोजन स्थरीकरण कहलाता है इस नाइट्रोजन को जैविक नाइट्रोजन भी कहते हैं |

नाइट्रोजन स्थरीकरण- बोर्ड पर परिचर्चा 

अमोनियाकरण (2:12:29 PM)-

  • जैविक नाइट्रोजन का अमोनिया में बदलना अमोनियाकरण कहलाता है|
  • यह कार्य आर्किया द्वारा किया जाता है
  • नाइट्रीकरण- अमोनिया का नाइट्रेट और नाइट्राइट में नाइट्रीकरण रूपांतरण कहलाता है 
  • यह कार्य नाइट्रोसोमोनास एवं नाइट्रोबैक्टर जीवाणु द्वारा किया जाता है|
  • विनाइट्रीकरण- मृदा में उपस्थित नाइट्रेट और नाइट्राइट नाइट्रोजन में रूपांतरण विनाइट्रीकरण कहलाता है|
  • यह कार्य थायोबैसिलस एवं स्यूडोमोनास नामक जीवाणुओं के द्वारा किया जाता है|

फास्फोरस चक्र (2:17:47 PM)-

फास्फोरस का आगमन-

  • चट्टानों के अपक्षय से|
  • फास्फेटी उर्वरकों के प्रयोग से|
  • कार्बनिक पदार्थों के विघटन से|
  • जैविक पदार्थों के खनिजीकरण से|
  • वनस्पति प्रकाश संश्लेषण दौरान मृदा से आर्थो फास्फेट ग्रहण करती है|
  • वनस्पति अर्थात उत्पादक से विभिन्न श्रेणी से उपभोक्ताओं के शरीर में  आहार श्रंखला के माध्यम से प्रवेश करता है|
  • जब उत्पादक और विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की मृत्यु हो जाती है,तो वियोजक जीवों के द्वारा अपघटित कर पुनः मृदा में ला दिया जाता है|

सल्फर चक्र (2:27:55 PM)- बोर्ड पर परिचर्चा 

पारिस्थितिकीय असंतुलन (2:37:22 PM)-

  • जैविक एवं अजैविक घटकों से निर्मित प्रत्येक पर्यावरण/पारिस्थितिकी में स्वसमायोजन की क्षमता होती है अर्थात यदि प्राकृतिक कारणों से पर्यावरण में कुछ हानी होती है,तो उसे पर्यावरण के द्वारा दूसरे प्रकार से पूर्ति कर लिया जाता है,जिसे प्राकृतिक पर्यावरण के स्वसमायोजन की क्षमता कहते हैं|
  • यदि प्राकृतिक या मानवजनीत कारणों से भी पर्यावरण की यह सेल्फ बैलेंस की क्षमता टूटती है,तो उसे पारिस्थिकीय पर्यावरणीय असंतुलन कहते हैं|
  • जैविक मानव अपने पर्यावरण के साथ संतुलन की अवस्था में था,परंतु आधुनिक प्रौद्योगिकी मानव प्रकृति के संसाधनों का अंधाधुंध दोहन/अविवेकपूर्ण रूप से दोहन करता है जो पारिस्थिकीय असंतुलन का मूल कारण है|

कारण (2:48:54 PM)-

  • मानव के द्वारा स्थलमंडल पर किया जाने वाला कार्य|
  • जलमंडल में मानव के द्वारा किए जाने वाले कार्य
  • मानव के द्वारा वायुमंडल में किए जाने वाले कार्य

ईकोटोन (2:54:04 PM) पीपीटी के माध्यम से चर्चा 

पारिस्थिकीय निकेत (3:01:20 PM)  पीपीटी के माध्यम से चर्चा 

पारिस्थिकीय पदछाप (3:09:32 PM) पीपीटी के माध्यम से चर्चा 

की स्टोन प्रजाति (3:11:2:07 PM)  पीपीटी के माध्यम से चर्चा 

पारिस्थितिकीय तंत्र के प्रकार (3:41:06 PM) बोर्ड पर परिचर्चा 

महासागरीय पारिस्थितिकीय (3:48:34 PM)- बोर्ड पर परिचर्चा 

महासागरीय पर्यावरण के मण्डल (3:50:57 PM)-

महसागरीय पर्यावरण में जीवन को प्रभावित करने वाले कारक (4:09:42 PM)-

  • सूर्य प्रकाश की पहुँच 
  • जल में घुलित ऑक्सीजन 
  • घुलित कार्बन डाई आक्साइड 
  • जल की लवणता और तापमान|
  • जलीय जीवों के ताप पराश सहन करने की न्यूनतम क्षमता|
  • सागरीय तरंग और जलधाराओं के द्वारा पोषक तत्वों का स्थानांतरण|

सागरीय जीवों के प्रकार/वर्गीकरण (4:18:11 PM)-

सागरीय जीवों के आवास और उनकी चलन प्रणाली के आधार पर 3 वर्गों में रखा गया है-

  1. प्लवक
  2. निकटन 
  3. बेनथोस 

TOPIC FOR NEXT CLASS- लैगून,झील ज्वारनदमुख