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History | Syllabus, Trend & Strategy | UPSC Prelims 2025

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History | Syllabus, Trend & Strategy | UPSC Prelims 2025

History | Syllabus, Trend & Strategy | UPSC Prelims 2025
06 Mar 2025
Table of Contents

इतिहास UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-1 का एक बड़ा हिस्सा है। इस विषय में प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास के साथ-साथ कला और संस्कृति भी शामिल हैं। इतिहास के स्थिर परंतु विस्तृत स्वरूप को देखते हुए, एक संरचित दृष्टिकोण, प्रश्नपत्रों के ट्रेंड्स का विश्लेषण और रणनीतिक तैयारी इस विषय को स्कोरिंग और तैयार करने में आसान बना सकती है। इस ब्लॉग में, हम UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2025 के इतिहास के पाठ्यक्रम, विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों के ट्रेंड और सफलता की संभावना को अधिकतम करने के लिए एक प्रभावी तैयारी रणनीति को कवर करेंगे।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा में इतिहास का पाठ्यक्रम

पाठ्यक्रम: भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए स्पष्ट रूप से एक पाठ्यक्रम परिभाषित नहीं करता है, लेकिन ऊपर बताए गए व्यापक रूपरेखा के आधार पर और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों के आधार पर, UPSC इतिहास के पाठ्यक्रम को मोटे तौर पर चार खंडों में विभाजित किया जा सकता है:

1. प्राचीन भारतीय इतिहास 

  • भारत में प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ
  • सिंधु घाटी सभ्यता
  • वैदिक काल (प्रारंभिक और उत्तर वैदिक काल)
  • महाजनपद और जैन धर्म व बौद्ध धर्म का उदय
  • मौर्य साम्राज्य और मौर्योत्तर काल
  • गुप्त साम्राज्य और गुप्तोत्तर काल
  • दक्षिण भारतीय राजवंश (चोल, पल्लव, चालुक्य आदि)

2. मध्यकालीन भारतीय इतिहास

  • प्रारंभिक मध्यकालीन काल (750-1200 ईस्वी)
  • दिल्ली सल्तनत (1206-1526 ईस्वी)
  • मुगल साम्राज्य (1526-1707 ईस्वी)
  • क्षेत्रीय राज्यों का उदय (मराठा, विजयनगर साम्राज्य, बहमनी साम्राज्य आदि)
  • सामाजिक-धार्मिक आंदोलन (भक्ति और सूफी आंदोलन)

3. आधुनिक भारतीय इतिहास

  • यूरोपीयों का आगमन और भारत में ब्रिटिश विस्तार
  • सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन (19वीं और 20वीं शताब्दी)
  • ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह (1757-1857) – किसान और आदिवासी विद्रोह
  • ब्रिटिश नीतियों का आर्थिक प्रभाव
  • भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (1857-1947)
  • सत्ता का हस्तांतरण
  • गांधीवादी आंदोलन, क्रांतिकारी आंदोलन और संवैधानिक विकास की भूमिका
  • वामपंथी आंदोलन/मजदूर वर्ग आंदोलन
  • प्रेस और शिक्षा का विकास

4. कला और संस्कृति

  • वास्तुकला (प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक)
  • चित्रकला और हस्तशिल्प
  • शास्त्रीय और लोक नृत्य
  • संगीत और नाट्य रूप
  • साहित्य और भाषा
  • बौद्ध धर्म और जैन धर्म
  • विभिन्न दर्शन

UPSC प्रारंभिक परीक्षा में इतिहास का ट्रेंड एनालिसिस 

पिछले 10 वर्षों में, UPSC प्रारंभिक परीक्षा में इतिहास से लगातार 15-20 प्रश्न पूछे गए हैं। आइए इस पैटर्न का विश्लेषण करते हैं:

प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास और संस्कृति:

ट्रेंड्स से प्रमुख अवलोकन

UPSC प्रारंभिक परीक्षा में, इतिहास खंड लगातार कुल प्रश्नपत्र का लगभग पाँचवां हिस्सा होता है, जिसमें प्राचीन, मध्यकालीन और संस्कृति से मिलाकर इतिहास के 60 प्रतिशत से अधिक प्रश्न शामिल होते हैं। यह आवंटन परीक्षा में इस विषय के महत्व को रेखांकित करता है।

प्राचीन इतिहास:

  • पिछले दस वर्षों में, UPSC ने प्राचीन इतिहास में हड़प्पा सभ्यता से संबंधित प्रश्नों पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें इस प्राचीन सभ्यता से जुड़े प्रमुख स्थलों पर जोर दिया गया है। जैसे धोलावीरा और राखीगढ़ी आदि पर प्रश्न।
  • मौर्य काल, विशेष रूप से अशोक, UPSC का पसंदीदा टॉपिक रहा है, जिसमें प्रश्न आमतौर पर अशोक के शिलालेखों और उनके विषयों पर केंद्रित होते हैं। इसके अलावा, गुप्त काल और महत्वपूर्ण स्थलों व शब्दावलियों पर प्रश्नों को भी UPSC ने महत्व दिया है, और Examiners ने सीधे स्थलों और शब्दावलियों पर प्रश्न पूछे हैं। जैसे विष्टि, द्रोणवाप, नवपाषाणकालीन स्थल, समुद्रगुप्त और बंदरगाहों से संबंधित प्रश्न आदि।
  • उन्होंने वैदिक और हड़प्पा सभ्यताओं से संबंधित तुलनात्मक प्रश्न और अर्थशास्त्र जैसे यादृच्छिक (Random) टॉपिक्स से भी प्रश्न पूछे हैं, जो उम्मीदवारों की इन टॉपिक्स की गहन समझ का आकलन करते हैं।

मध्यकालीन भारत:

  • पिछले तीन वर्षों में, UPSC सिविल सेवा परीक्षा में मध्यकालीन भारतीय इतिहास खंड पर उल्लेखनीय जोर दिया गया है, जिसमें प्रश्नों की संख्या और कठिनाई स्तर दोनों में वृद्धि देखी गई है।
  • दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, भक्ति एवं सूफी आंदोलन, और विजयनगर साम्राज्य जैसे टॉपिक्स लगातार प्रश्नपत्रों में आते रहे हैं।
  • UPSC अक्सर मध्यकालीन भारतीय इतिहास में चुनौतीपूर्ण विषयों को खंगालता है, जैसे गुर्जर-प्रतिहार, पुष्यभूति जैसे राजवंश, फणम जैसे शब्द, और दिल्ली सल्तनत काल के दौरान मंगोल आक्रमण से संबंधित विषय। इन प्रश्नों के लिए ऐतिहासिक घटनाओं की सूक्ष्म समझ और विभिन्न घटनाओं एवं विकासक्रमों के बीच संबंध स्थापित करने की क्षमता आवश्यक है।

कला और संस्कृति:

  • UPSC लगातार कला और संस्कृति के प्रश्नों को करंट अफेयर्स से जोड़ता है, जैसे रामानुजाचार्य, सोमनाथ मंदिर, खेल, पुरस्कार और राष्ट्रीय ध्वज संहिता आदि।
  • 2015 से 2024 तक, UPSC प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों में प्राचीन कला और वास्तुकला, जैन एवं बौद्ध दर्शन, शास्त्रीय नृत्य रूप, ऐतिहासिक स्मारक, पुरातात्विक खोज, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और सांस्कृतिक घटनाएं जैसे विषय लगातार आते रहे हैं।
  • प्रश्नों में अक्सर प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक जैसे अजंता और एलोरा की गुफाएं, साथ ही धार्मिक और अनुष्ठानिक प्रथाएं, लोक कला, शिल्प और भारत के विभिन्न क्षेत्रों की पारंपरिक प्रथाएं शामिल होती हैं। उम्मीदवारों को UPSC परीक्षाओं के कला और संस्कृति खंड की तैयारी को मजबूत करने के लिए बार-बार पूछे जाने वाले इन टॉपिक्स पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

आधुनिक भारतीय इतिहास:

आधुनिक भारतीय इतिहास के ट्रेंड से प्रमुख अवलोकन

- आधुनिक इतिहास में अधिकांश प्रश्न स्थिर और मानक स्रोतों से आए हैं, जिसने समग्र कठिनाई स्तर को मध्यम बना दिया है। हालांकि, जिन तथ्यों को परीक्षा में पूछा गया, वे कठिन थे।

- टॉपिक्स और थीम लगभग पूर्वानुमानित हैं, जिसमें व्यक्तित्व-आधारित प्रश्न और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के चरण प्रश्नों के समूह में प्रमुखता से शामिल हैं। हालांकि, कुछ प्रश्न अधिक गहरी जानकारी की मांग को दर्शाते हैं।

- हाल के वर्षों में प्रश्नों की कुल संख्या में कमी आई है, जिससे तैयारी और स्कोरिंग कठिन हो गई है।

- आधुनिक इतिहास खंड में पूछे गए प्रश्नों में महत्वपूर्ण घटनाओं और करेंट अफेयर्स के साथ एक कड़ी भी देखी गई है।

UPSC परीक्षा पैटर्न में बदलाव के अनुरूप रणनीति 

- 2023 में UPSC द्वारा अपनाए गए विविध पैटर्न (जैसे विकल्पों में बदलाव और एलिमिनेशन तकनीक की सीमाएं) के बावजूद, अभ्यर्थी को सतही अध्ययन के बजाय टॉपिक्स को अच्छे से समझने और अवलोकनात्मक अध्ययन को प्राथमिकता देनी चाहिए।

- विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करना चाहिए ताकि प्रश्नों के प्रकार, टॉपिक्स और कठिनाई स्तर में बदलाव और पैटर्न की पहचान की जा सके।

- Interdisciplinary दृष्टिकोण अपनाएं और इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और करंट अफेयर्स जैसे विभिन्न विषयों के ज्ञान को एकीकृत करके जटिल टॉपिक्स को गहराई से समझें। जैसे- मगध साम्राज्य के उत्थान में गंगा और ब्रह्मपुत्र के विशाल मैदान का योगदान।

- अंत में, रिवीजन और मॉक टेस्ट के लिए पर्याप्त समय आवंटित कीजिए ताकि परीक्षा के दौरान अवधारणाओं और महत्वपूर्ण तथ्यों को याद रखने में सहायता मिल सके। मॉक टेस्ट देने के बाद उसका विश्लेषण अवश्य करना चाहिए। 

NCERT और मानक पुस्तकों को प्राथमिकता दीजिए

प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास:

- प्राचीन भारत - आर.एस. शर्मा

- नई NCERT कक्षा 12th - भारतीय इतिहास के कुछ विषय- भाग 1

- NCERT कक्षा 6th - हमारे अतीत - 1

- NCERT (NIOS)

- NCERT कक्षा 7th - हमारे अतीत - 2

- सतीश चंद्र - मध्यकालीन भारत – कक्षा XI – पुरानी NCERT

- नई NCERT - भारतीय इतिहास के कुछ विषय – 2

आधुनिक भारतीय इतिहास:

- पुरानी NCERT – आधुनिक भारत का इतिहास – बिपिन चंद्र

- बिपिन चंद्र की पुस्तक - "स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष"

कला और संस्कृति:

- सीसीआरटी (CCRT)

- NCERT 

- https://egyankosh.ac.in

- NCERT - भारतीय इतिहास के कुछ विषय – 2

- भारतीय कला का परिचय

- कक्षा XI NCERT, प्राचीन भारत

- तमिलनाडु बोर्ड की इतिहास की पुस्तकें (प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास के लिए)

इन स्रोतों का उपयोग करके आप UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी को और मजबूत बना सकते हैं।Vision IAS Value Addition Material को उपर्युक्त स्रोतों को आधार बनाकर निर्मित किया गया है।

माइंड मैप्स और शॉर्ट नोट्स की सहायता से त्वरित रिवीजन 

  • आधुनिक इतिहास की घटनाओं को कालक्रम के अनुसार तैयार कीजिए: भारत छोड़ो आंदोलन से लेकर स्वतंत्रता तक की घटनाओं के लिए समयरेखा तैयार करना आवश्यक है, क्योंकि UPSC अक्सर इस क्षेत्र से प्रश्न पूछता है। इसकी जटिलता को देखते हुए, एक सुव्यवस्थित समयरेखा स्पष्टता सुनिश्चित करती है, महत्वपूर्ण जानकारियों को छूटने से बचाती है और घटना के कारणों एवं प्रभावों की स्पष्ट समझ होने से इन्हें याद रखना आसान हो जाता है। 
  • कला और संस्कृति के लिए फ्लैशकार्ड बनाइए: कला और संस्कृति के विविध तथा तथ्यात्मक स्वरूप को देखते हुए, नृत्य रूपों, मंदिर वास्तुकला, चित्रकला शैलियों और साहित्य के लिए फ्लैशकार्ड तैयार करना त्वरित रिवीजन के दौरान याद करने में मदद कर सकता है।
  • प्रमुख व्यक्तित्व और उनके योगदान को हाइलाइट कीजिए: स्वतंत्रता सेनानियों, सामाजिक सुधारकों और राजनीतिक नेताओं पर फोकस कीजिए। उनकी भूमिकाओं, विचारधाराओं और योगदान को समझने से वैचारिक और तथ्यात्मक प्रश्नों के उत्तर देने में मदद मिलती है।

इन तकनीकों का उपयोग करके आप अपनी तैयारी को और अधिक प्रभावी एवं संगठित बना सकते हैं।

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इतिहास से जुड़े करंट अफेयर्स के साथ अपडेट रहिए 

  • महत्वपूर्ण ऐतिहासिक वर्षगांठ: उदाहरण के लिए- भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष, वाइकॉम सत्याग्रह के 100 वर्ष (1924-2024), आर्य समाज के 150 वर्ष (1875-2025), आपातकाल के 50 वर्ष (1975-2025) आदि। 
  • भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: 2024 में, असम के "मोइदम – अहोम राजवंश की टीला-दफन प्रणाली" को आधिकारिक तौर पर यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
  • नई पुरातात्विक खोजें और उनका महत्व: उदाहरण के लिए सिनौली उत्खनन (उत्तर प्रदेश): रथों और योद्धाओं की कब्रों की खोज, जो वैदिक युद्ध के पूर्व विश्वासों को चुनौती देती है। कीलाडी उत्खनन (तमिलनाडु): संगम युग से पहले दक्षिण भारत में शहरीकरण के साक्ष्य प्रदान करता है।

इन खबरों पर नजर रखकर आप इतिहास से जुड़े करंट अफेयर्स के साथ अपडेट रह सकते हैं और UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

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परीक्षा जैसे वातावरण में मॉक टेस्ट का अभ्यास 

  • सेक्शनल और फुल-लेंथ वाले टेस्ट दीजिए।
  • समयबद्ध तरीके से प्रश्न हल करने का अभ्यास कीजिए ताकि दक्षता में सुधार हो सके।
  • गलतियों का विश्लेषण कीजिए और कमजोर क्षेत्रों का उसी के अनुसार रिवीजन कीजिए।

इस तरह से मॉक टेस्ट का अभ्यास करके आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते हैं।

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निष्कर्ष

इतिहास UPSC प्रारंभिक परीक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है और जिसके लिए एक रणनीतिक एवं अनुशासित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। एक सुव्यवस्थित योजना, जैसे- NCERT पर फोकस करना, ट्रेंड्स का विश्लेषण करना, माइंड मैप्स के माध्यम से रिवीजन करना, विगत वर्षों के प्रश्नों का विश्लेषण एवं हल करना और मॉक टेस्ट का अभ्यास करना आदि का पालन करके अभ्यर्थी पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से कवर कर सकते हैं और अपनी Accuracy में सुधार कर सकते हैं। अवधारणात्मक स्पष्टता (Conceptual Clarity) और कठोर अभ्यास के साथ, इतिहास में अच्छा स्कोर करना UPSC प्रारंभिक परीक्षा 2025 को पास करने में गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

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लेख लिखा है

VisionIAS संपादकीय टीम द्वारा

UPSC में 10 वर्षों से अधिक की विशेषज्ञता, IAS उम्मीदवारों के लिए व्यावहारिक सामग्री प्रदान करना।

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