UPSC मुख्य परीक्षा 2025 GS पेपर 3 ने स्थापित और प्रगतिशील विषयों का एक परिष्कृत मिश्रण प्रदर्शित किया, जिसने कठोरता और नवाचार के लिए परीक्षा की प्रतिष्ठा को मजबूत किया। इस वर्ष, पेपर ने मुख्य क्षेत्रों—आर्थिक नीतियों, तकनीकी परिवर्तन, स्थिरता, और आंतरिक सुरक्षा—में बारीकी से कैलिब्रेटेड प्रश्नों का चयन प्रदर्शित किया, लेकिन एक स्पष्ट रूप से 2025 के संदर्भ के साथ।
हाल के वर्षों की तरह, संरचना ने स्थिर मसामयिक घटनाओं के सचेत एकीकरण को दर्शाया। हालांकि, 2025 के पेपर ने अभिभावकों को विश्लेषणात्मक और अनुप्रयुक्त सोच के एक नए स्तर तक पहुंचाया। उम्मीदवारों को न केवल तथ्यों और सिद्धांतों को याद करने की आवश्यकता थी, बल्कि उन्हें पिछले वर्ष से निकाले गए समसामयिक परिदृश्यों से तेजी से जोड़ने की भी आवश्यकता थी।
पेपर अवलोकन: संरचना और विषय एक नज़र में
- कुल अंक: 250
- अवधि: 3 घंटे
- कुल प्रश्न: 20 (10 x 10-अंकीय + 10 x 15-अंकीय)
विस्तृत पाठ्यक्रम अनुसार प्रमुख विषय
इस पत्र में UPSC पाठ्यक्रम के अनुसार शामिल व्यापक विषय निम्नलिखित हैं:
- भारतीय अर्थव्यवस्था एवं योजनाबिकी, संसाधनों के स्रावण, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे
- समावेशी विकास एवं उससे सम्बद्ध समस्याएँ
- सरकारी बजट एवं लेखांकन
- प्रमुख फसलें, खेती के पैटर्न, कृषि में ई-प्रौद्योगिकी
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी से संबंधित मुद्दे
- खाद्य प्रसंस्करण एवं सम्बद्ध उद्योग
- भूमि सुधार
- उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन
- अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाईअड्डे, रेलमार्ग इत्यादि
- निवेश मॉडल (सार्वजनिक–निजी भागीदारी आदि)
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – उन्नतियाँ एवं अनुप्रयोग
- भारतीयों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ
- पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन
- विकास एवं उग्रवाद के प्रसार के बीच संबंध
- आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ – साइबर सुरक्षा, मनी लॉन्ड्रिंग, सीमा प्रबंधन आदि।
वर्ष-दर-वर्ष तुलना: 2025 में क्या बदला?
UPSC 2025 के पेपर ने अंतर्विषयक परंपरा को जारी रखते हुए आर्थिक विकास और नीति जैसे स्थापित विषयों को पर्यावरणीय स्थिरता और डिजिटल प्रौद्योगिकी की उन्नतियों जैसे नए फोकस क्षेत्रों के साथ कुशलतापूर्वक मिलाया। कुल कठिनाई स्तर मध्यम से चुनौतीपूर्ण तक रहा, क्योंकि प्रश्न अक्सर सिद्धांतात्मक ढाँचों को वास्तविक दुनिया की स्थितियों और समसामयिक समस्याओं से जोड़ने की मांग करते थे।
यह विश्लेषण UPSC परीक्षा के निरंतर विकास को स्पष्ट करता है और अभ्यर्थियों को इन गतिशील अपेक्षाओं के अनुरूप अपनी तैयारी रणनीतियाँ अनुकूलित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
नीचे दिए गए तालिका को ग्राफ के रूप में प्रदर्शित किया गया है।
Year | Economy | Environment | Security | Disaster Management | S&T |
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2022 | 8 Qs | 3 Qs | 4 Qs | 2 Qs | 3 Qs |
2023 | 8 Qs | 3 Qs | 4 Qs | 1 Q | 4 Qs |
2024 | 8 Qs | 2 Qs | 4 Qs | 2 Q | 4 Qs |
2025 |
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विषयवार वर्गीकरण एवं प्रश्न वर्गीकरण
आइए GS पेपर 3 के प्रश्नों को मुख्य विषयों के अंतर्गत वर्गीकृत करें:
आर्थिक विकास:
- प्रश्नों की संख्या –
- वेटेज –
- सकल कठिनाई स्तर –
- फोकस क्षेत्र –
VisionIAS स्रोतों की कवरेज:
- मासिक करंट अफेयर्स:
- मेन्स 365:
- वीकली फोकस:
- वैल्यू एडेड सामग्री:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
- प्रश्नों की संख्या –
- वेटेज –
- सकल कठिनाई स्तर –
- फोकस क्षेत्र –
VisionIAS स्रोतों की कवरेज:
- मासिक करंट अफेयर्स:
- मेन्स 365:
- वीकली फोकस:
- वैल्यू एडेड सामग्री:
पर्यावरण एवं जैव-विविधता:
- प्रश्नों की संख्या –
- वेटेज –
- सकल कठिनाई स्तर –
- फोकस क्षेत्र –
VisionIAS स्रोतों की कवरेज:
- मासिक करंट अफेयर्स:
- मेन्स 365:
- वीकली फोकस:
- वैल्यू एडेड सामग्री:
आंतरिक सुरक्षा:
- प्रश्नों की संख्या –
- वेटेज –
- सकल कठिनाई स्तर –
- फोकस क्षेत्र –
VisionIAS स्रोतों की कवरेज:
- मासिक करंट अफेयर्स:
- मेन्स 365:
- वीकली फोकस:
- वैल्यू एडेड सामग्री:
आपदा प्रबंधन:
- प्रश्नों की संख्या –
- वेटेज –
- सकल कठिनाई स्तर –
- फोकस क्षेत्र –
VisionIAS स्रोतों की कवरेज:
- मासिक करंट अफेयर्स:
- मेन्स 365:
- वीकली फोकस:
- वैल्यू एडेड सामग्री:
UPSC मेन्स 2025 GS पेपर 3 में विषयों के वेटेज के लिए पाई चार्ट
कठिनाई स्तर और 2024 से तुलना में विषयगत रुझान
GS पेपर 3, UPSC मेन्स परीक्षा में, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक विकासों केूप निरंतर विकसित हो रहा है। हाल के रुझानों में पारंपरिक विषयों में लागू विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर ध्यान बढ़ना, समसामयिक घटनाओं का मजबूत समावेश, तथा शासन-केंद्रित नीतियों और योजनाओं पर विशेष जोर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
कुल मिलाकर पेपर की कठिनाई स्तर मध्यम से उच्च आंका जा सकता है, जो बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि अभ्यर्थी कितनी कुशलता से स्थिर (static) अवधारणाओं को समसामयिक मामलों के साथ जोड़ सकता है। जहाँ अर्थव्यवस्था और कृषि जैसे क्षेत्र अपेक्षाकृत संरचित एवं पूर्वानुमेय बने रहते हैं, वहीं आंतरिक सुरक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे अनुभाग अक्सर गंभीर वैचारिक या परिस्थितिजन्य चुनौतियाँ प्रस्तुत करते हैं, जो गहराई और अनुकूलन क्षमता की कसौटी पर खरे उतरते हैं।
पेपर से जो अपेक्षाएँ होती हैं:
- अवधारणात्मक स्पष्टता – उदाहरण के लिए, राजकोषीय (fiscal) नीति और मौद्रिक (monetary) नीति के बीच अंतर और पारस्परिक सम्बन्ध की गहरी समझ।
- विश्लेषणात्मक गहराई – उदाहरण के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में आवश्यक सुधारों या सब्सिडी प्रणालियों के समालोचनात्मक मूल्यांकन।
- समसामयिक जागरूकता – उदाहरण के लिए, शासन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की भूमिका या कृषि में अंतरिक्ष–प्रौद्योगिकी का योगदान।
- अंतर-विषयक सोच – उदाहरण के लिए, यह विश्लेषण करना कि जलवायु परिवर्तन ग्रामीण आजीविका, खाद्य सुरक्षा या आपदा प्रतिरोधक क्षमता को कैसे प्रभावित करता है।
इन गतिशील एवं समेकित प्रश्नों के बीच सफलता का आश्रय इस क्षमता पर निर्भर करता है कि अभ्यर्थी स्थिर ज्ञान, ताज़ा नीतिगत अपडेट्स, और सुसंगठित उत्तर–लेखन को कितनी चातुरी से एक सूत्र में पिरोता है। परिचित विषय भी तब चुनौतीपूर्ण हो जाते हैं जब अवधारणात्मक स्पष्टता या वर्तमान मामलों से जुड़ाव की कमी होती है, अतः नियमित पुनरावृत्ति और सक्रिय समसामयिक मुद्दों पर सतत निगरानी अनिवार्य हो जाती है।

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भविष्य के अभ्यर्थियों के लिए प्रमुख निष्कर्ष
UPSC मेन्स GS पेपर 3 में कई प्रश्नों का उत्तर VisionIAS संसाधनों की सहायता से प्रभावी ढ से दिया जा सकता है- जिससे हमारी सामग्री की गहनता और व्यापक कवरेज का महत्व सिद्ध होता है।
मूल विषय जैसे मुद्रास्फीति, सिंचाई, भूमिसुधार, और आपदा प्रतिरोधक क्षमता को हमारी वैल्यू एडेड सामग्री (VAM) में पर्याप्त रूप से संबोधित किया गया है, जो अभ्यर्थियों को स्थैतिक क्षेत्रों में मजबूत अवधारणात्मक आधार प्रदान करती है।
हमारी प्रमुख करंट अफेयर्स पहलों- Mains 365, News Today, Monthly Current Affairs, तथा Weekly Focus समसामयिक घटनाओं को स्थिर अवधारणाओं के साथ सहजता से जोड़ती हैं, जिससे छात्र GS पेपर 3 के प्रश्नों को अधिक आत्मविश्वास और प्रासंगिकता के साथ हल कर सकते हैं।
तैयारी को और सशक्त बनाने के लिए, VisionIAS का डिजिटल करंट अफेयर्स प्लेटफ़ॉर्म एक एकीकृत समाधान के रूप में कार्य करता है। यह लक्षित रीडिंग, त्वरित पुनरावलोकन तथा इंटरैक्टिव ज्ञान-परीक्षण प्रदान करता है—जो एक व्यक्तिगत डैशबोर्ड के भीतर डेटा-चालित सीखने का समर्थन करता है। इन उपकरणों के साथ करंट अफेयर्स में दक्षता प्राप्त कर अभ्यर्थी अब विषय-विशेष रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं—
अर्थव्यवस्था संबंधी विकास
- इस अनुभाग में महारत हासिल करने के लिए केवल परिभाषाओं से आगे बढ़ें—प्रयोजन, प्रभाव और विश्लेषण पर फोकस करें।
- आर्थिक विकास, बजट, मुद्रास्फीति, वित्तीय एवं मौद्रिक नीति जैसे विषयों में ठोस अवधारणात्मक स्पष्टता बनाएं।
- राष्ट्रीय एवं वैश्विक आर्थिक रुझानों, सरकारी सुधारों और नियामक परिवर्तनों से अवगत रहें।
- स्थैतिक ज्ञान को समसामयिक मामलों के साथ जोड़कर वास्तविक डेटा और नीति उदाहरणों का उपयोग करते हुए विश्लेषणात्मक उत्तर लेखन का अभ्यास करें।
Don’t miss: GS मेन्स 2025 इकोनोमी विश्लेषण एवं चर्चा (वीडियो लिंक)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
UPSC तकनीकी शब्दावली का परीक्षण नहीं करता- यह समझ, प्रासंगिकता और नैतिक विचारों का आकलन करता है।
- वैज्ञानिक सिद्धांतों और उनके वास्तविक अनुप्रयोगों की मौलिक समझ विकसित करें।
- हाल की नवीनताओं, उभरती प्रौद्योगिकियों (जैसे एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक) और इनके स्वास्थ्य, कृषि व रक्षा जैसे क्षेत्रों पर प्रभाव पर नजर रखें।
- विकासों को राष्ट्रीय पहलों जैसे डिज़िटल इंडिया, मेक इन इंडिया और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा मिशन से जोड़ें।
Watch Now: GS मेन्स 2025 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्लेषण एवं चर्चा (वीडियो लिंक)
पर्यावरण, जैव विविधता एवं आपदा प्रबंधन
जलवायु संवेदनशीलता और सतत विकास के संदर्भ में यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों- जलवायु परिवर्तन, संसाधन क्षय, प्रदूषण, जैव विविधता ह्रास की समझ विकसित करें।
- वैश्विक और राष्ट्रीय पर्यावरणीय ढांचों का अध्ययन करें UNFCCC, CBD, पेरिस समझौता, NDMA दिशा-निर्देश।
- मूल्यांकन करें कि विकासात्मक परियोजनाएँ पारिस्थितिकी, शहरीकरण और पर्यावरणीय शासन के साथ कैसे प्रतिच्छेदित होती हैं।
Watch Now: GS मेन्स 2025 पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन चर्चा (वीडियो लिंक)
आंतरिक सुरक्षा
एक ऐसा विषय जहाँ रणनीति राष्ट्रीय अखंडता से मिलती है- जिसके लिए संदर्भगत जागरूकता और कानूनी अंतर्दृष्टि आवश्यक।
- प्रमुख खतरों से परिचित हों: आतंकवाद, साइबर अपराध, उग्रवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, और संगठित अपराध।
- भारत के संस्थागत और कानूनी ढांचे को समझें- AFSPA, UAPA, NIA, तथा CAPFs और राज्य पुलिस की भूमिका।
- सीमा सुरक्षा, सीमा पार तनावों, और उनके शासन तथा मानवाधिकारों पर प्रभावों से संबंधित मुद्दों का विश्लेषण करें।
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निष्कर्ष
GS पेपर 3 UPSC मेन्स परीक्षा में सबसे गतिशील और अप्रत्याशित पेपर्स में से एक बना हुआ है। यह न केवल उम्मीदवार के शैक्षणिक ज्ञान का आकलन करता है, बल्कि भारत की विकासात्मक दिशा और वैश्विक चुनौतियों की उनकी समझ को भी परखता है। स्थिर मूल अवधारणाएँ, समसामयिक घटनाएँ, सरकारी योजनाएँ, और विश्लेषणात्मक लेखन का संतुलित संयोजन एक प्रभावी तैयारी रणनीति बनाता है, जो इस पेपर में अंक सुधारने में सहायक होती है।
जैसे-जैसे भारत अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, और सुरक्षा के क्षेत्रों में तीव्र परिवर्तन से गुजर रहा है, अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी को उसी के अनुरूप विकसित करना चाहिए। समझदारी से काम करना, आलोचनात्मक सोच, और विभिन्न क्षेत्रों के बीच संबंध स्थापित करने की क्षमता ही GS पेपर 3 में महारत हासिल करने की कुंजी है।
UPSC मेन्स 2025 के अपडेट्स