ई-वेस्ट इको पार्क के लिए नई दिल्ली की पहल
10 जून, 2025 को पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने उत्तरी दिल्ली के होलंबी कलां में भारत के पहले इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-वेस्ट) इको पार्क के विकास की घोषणा की। यह पहल राष्ट्रीय राजधानी में ई-कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
परियोजना के बारे में
- यह इको पार्क 11.4 एकड़ में फैला होगा और यह डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (DBFOT) मॉडल पर आधारित सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) का हिस्सा है। जिसकी रियायत अवधि 15 वर्षों की होगी।
- परियोजना के लिए "विश्व के सर्वश्रेष्ठ ग्रीन टेक्नोलॉजी पार्टनर्स" को आकर्षित करने के लिए दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा एक वैश्विक निविदा जारी की जाएगी।
- पार्क को 51,000 टन ई-कचरे के प्रसंस्करण के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें ई-कचरा प्रबंधन नियम, 2022 के तहत कचरे की सभी 106 श्रेणियां शामिल हैं।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
- इस सुविधा से 350 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है।
- इसका उद्देश्य दिल्ली का सर्कुलर इकोनॉमी की ओर मुड़ने का प्रतीक बनना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी संसाधन व्यर्थ नहीं जाएगा और सभी श्रमिकों को इसमें शामिल किया जाएगा।
सुविधाओं की विशेषताएं और रोजगार सृजन
- इको पार्क में विखंडन, नवीनीकरण, प्लास्टिक पुनर्प्राप्ति और सेकेंड-हैंड इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के बाजार के लिए अलग-अलग क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे।
- खतरनाक ई-कचरे के निपटान में लगे अनौपचारिक श्रमिकों को कुशल बनाने के लिए कौशल एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
- इस परियोजना के अंतर्गत हजार से अधिक ‘ग्रीन जॉब्स’ उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिससे अनौपचारिक क्षेत्र के रीसाइक्लर्स को औपचारिक और सुरक्षित प्रणाली में शामिल किया जा सकेगा।