इस योजना का उद्देश्य रणनीतिक प्रौद्योगिकियों में भारत की क्षमताओं को मजबूत करना और तकनीकी आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना है। यह योजना भारत के दीर्घकालिक नवाचार और आत्मनिर्भर भारत विज़न के अनुरूप है।
वित्त-पोषण की व्यवस्था
- कोष (Corpus): 1 लाख करोड़ रुपये।
- द्वि-स्तरीय वित्त पोषण तंत्र:
- स्तर-1 (संरक्षक): ANRF (अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) के अंतर्गत एक स्पेशल पर्पज़ फंड (SPF) बनाया जाएगा।
- स्तर-2 (वितरण): द्वितीय स्तर के निधि प्रबंधकों द्वारा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को वित्त-पोषण प्रदान किया जाएगा।
- फंड देने का तरीका:
- दीर्घकालिक रियायती ऋण (लंबी अवधि के लिए कम या बिना ब्याज वाले ऋण);
- इक्विटी निवेश, विशेष रूप से स्टार्टअप्स के लिए; तथा
- डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स में योगदान आदि।
मुख्य उद्देश्य
- निजी क्षेत्रक को उभरते कार्यक्षेत्रों और आर्थिक सुरक्षा, रणनीतिक उद्देश्य एवं आत्मनिर्भरता के लिए सुसंगत अन्य क्षेत्रकों में अनुसंधान, विकास एवं नवाचार (RDI) को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- टेक्नोलॉजी रीडीनेस लेवल (TRL) के उच्च स्तरों पर रूपांतरकारी परियोजनाओं को वित्त-पोषित करना।
- उन प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण में सहायता करना जो महत्वपूर्ण या उच्च रणनीतिक महत्त्व की हैं;
- डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना की सुविधा प्रदान करना।
लक्षित क्षेत्रक
- सनराइज सेक्टर्स: ऊर्जा सुरक्षा, डीप टेक्नोलॉजी (जैसे-क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स, स्पेस टेक्नोलॉजी आदि), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोटेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य, डिजिटल अर्थव्यवस्था आदि।
- रणनीतिक क्षेत्रक: ऐसी तकनीकें, जिनका देश में स्थानीयकरण रणनीतिक कारणों, आर्थिक सुरक्षा या आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है।
- सार्वजनिक क्षेत्रक: ऐसे अन्य क्षेत्रक या तकनीकें, जहां लोक हित में सरकारी निवेश या हस्तक्षेप आवश्यक समझा जाता है।
प्रशासन और कार्यान्वयन ढांचा
- नोडल विभाग: इस योजना का संचालन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) करेगा।
- रणनीतिक मार्गदर्शन: नीतिगत मार्गदर्शन ANRF के गवर्निंग बोर्ड द्वारा दिया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता प्रधान मंत्री करेंगे।
- योजना के दिशा-निर्देशों को मंजूरी: ANRF की कार्यकारी परिषद द्वारा मंजूरी प्रदान की जाएगी।
- योजना में बदलाव: यदि योजना में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता होगी, तो यह कार्य कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाले सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह (EGoS) द्वारा किया जाएगा।