इस संस्था से बाहर होने की घोषणा यह कहते हुए की गई कि यह संस्था तथाकथित “उत्तेजक” और विभाजनकारी मुद्दों का समर्थन करती है। अमेरिका ने इस संस्था पर 'इजरायल विरोधी रुख' अपनाने का भी आरोप लगाया है।
- यह तीसरी बार है, जब अमेरिका इस संगठन से अलग हो रहा है तथा वर्तमान राष्ट्रपति के नेतृत्व में यह दूसरी बार है।
- इसके अलावा, अमेरिका ने अन्य संयुक्त राष्ट्र निकायों और एजेंसियों, जैसे WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) से बाहर निकलने के लिए भी कदम उठाए हैं। साथ ही, फिलिस्तीन के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) के लिए धनराशि में भी भारी कमी की है।
अमेरिका के हटने के प्रभाव
- बजटीय प्रभाव: अमेरिका यूनेस्को के कुल बजट में लगभग 8% का योगदान देता है।
- भू-राजनीतिक प्रभाव: अमेरिका के हटने से अन्य शक्तियों, विशेष रूप से चीन द्वारा प्रभाव बढ़ाने की संभावना बन सकती है।
- बहुपक्षवाद पर प्रभाव: किसी संयुक्त राष्ट्र संस्था से बाहर निकलना बहुपक्षीय संस्थाओं पर विश्वास कमजोर कर सकता है और वैश्विक सहयोग से पीछे हटने का संकेत मिल सकता है।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को/ UNESCO) के बारे में
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषीकृत एजेंसी है।
- उद्देश्य: शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर शांति एवं सुरक्षा में योगदान देना।
- इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है, जो संगठन की मुख्य इमारत के रूप में कार्य करता है।
- इसके 194 सदस्य देश और 12 एसोसिएट सदस्य हैं।
- प्रमुख रिपोर्ट्स और पहलें:
- वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट;
- विश्व में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया विकास की प्रवृत्तियों पर रिपोर्ट;
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल;
- ह्यूमन एंड बायोस्फियर (MAB) कार्यक्रम