‘निजी क्षेत्रक के पूंजीगत व्यय निवेश लक्ष्यों पर फॉरवर्ड-लुकिंग सर्वेक्षण (कैपेक्स सर्वेक्षण)’ सांख्यिकी संग्रह अधिनियम, 2008 के तहत आयोजित किया गया था। यह राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा आयोजित अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण था।
- ध्यातव्य है कि NSO, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की एक सांख्यिकीय शाखा है।
सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष
- वित्त वर्ष 2022 से 2025 तक निजी क्षेत्रक का पूंजीगत व्यय (CAPEX) 66% बढ़कर लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
- वित्त वर्ष 24-25 में निजी क्षेत्रक के कुल पूंजीगत व्यय में विनिर्माण उद्यमों का योगदान 48% था।
- 2024-25 में, अधिकांश उद्यमों ने पूंजीगत व्यय को मुख्य परिसंपत्तियों पर केंद्रित किया था, जबकि अन्य ने मूल्यवर्धन, अवसरवादी परिसंपत्तियों और विविध रणनीतियों में निवेश किया था।
पूंजीगत व्यय (CAPEX) का महत्त्व
- पूंजीगत व्यय में परिसंपत्तियों पर खर्च करना शामिल है: इससे व्यवसाय को दीर्घकालिक लाभ होता है। उदाहरण के लिए- संपत्ति, उपकरण, नई तकनीक हासिल करना आदि।
- रणनीतिक निर्णय लेना: पूंजीगत व्यय संबंधी निर्णय रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं। ये प्राथमिकताएं भविष्य की संवृद्धि को गति देने के लिए संसाधनों के आवंटन को निर्धारित करती हैं।
- प्रतिस्पर्धात्मक लाभ: पूंजीगत व्यय में निवेश करके, कंपनियां अपनी परिचालन दक्षता बढ़ा सकती हैं, उत्पादों या सेवाओं में नवीनता ला सकती हैं तथा प्रतिस्पर्धियों से आगे रह सकती हैं।
- परिसंपत्ति रखरखाव और उन्नयन: मौजूदा परिसंपत्तियों को बनाए रखने, प्रौद्योगिकी को उन्नत करने, या उत्पादन क्षमता का विस्तार करने के लिए पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होती है।
- निवेशकों का विश्वास: पूंजीगत व्यय निवेशकों को यह संकेत देता है कि कंपनी दीर्घकालिक विकास और मूल्य सृजन के लिए प्रतिबद्ध है।
निजी क्षेत्रक के पूंजीगत व्यय में आने वाली प्रमुख चुनौतियां
- बड़ी इक्विटी और किफायती कर्ज जुटाने में कठिनाई आती है;
- जोखिम आकलन और शमन से संबंधित परियोजना संरचना संबंधी मुद्दे;
- मंजूरी और भूमि अधिग्रहण में देरी आदि।
पूंजीगत व्यय के बारे में
- परिभाषा: पूंजीगत व्यय वह धन है जो सरकार मशीनरी, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर खर्च करती है।
- पूंजीगत व्यय में निम्नलिखित पर खर्च किया गया धन शामिल है: अचल और अमूर्त परिसंपत्तियों का अधिग्रहण; मौजूदा परिसंपत्तियों का उन्नयन; मौजूदा परिसंपत्तियों की मरम्मत और ऋण का भुगतान।
