ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर इजरायल के हमले
ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर इजरायल के हालिया हमले अमेरिका-ईरान वार्ता के समय हुए हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय कानून के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
अवैध और खतरनाक कार्य
- इन हमलों में नतांज परमाणु संवर्धन सुविधा, बैलिस्टिक मिसाइल कारखानों और ईरान के सैन्य नेतृत्व के आवासों को निशाना बनाया गया।
- ये कार्यवाहियां परमाणु मुद्दे के संभावित कूटनीतिक समाधान को कमजोर करती हैं।
अमेरिकी भागीदारी
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनियों के बावजूद, इज़राइल आगे बढ़ता रहा, जिससे यह संकेत मिलता है कि या तो अमेरिका की ओर से प्रतिबद्धता या फिर उसके प्रभाव की कमी है
- यह घटना अमेरिका-इज़राइल संबंधों की जटिल गतिशीलता और कूटनीति पर उनके प्रभाव को उजागर करती है।
ईरान की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय निहितार्थ
- जवाबी कार्रवाई में ईरान ने ड्रोन हमला किया और उसके सर्वोच्च नेता ने कठोर जावाबी कार्यवाही का वादा किया है।
- यदि तनाव में और वृद्धि हुई तो यह क्षेत्रीय संघर्ष लंबे समय तक जारी रह सकता है, जिसके वैश्विक आर्थिक दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं, विशेष रूप से भारत जैसे देशों पर।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चिंताएँ
- ईरान ने यूरेनियम का 60% तक संवर्धन कर लिया है, जिससे उसके परमाणु इरादों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
- यद्यपि उसके द्वारा परमाणु बम बनाए जाने का कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला है, फिर भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
ऐतिहासिक संदर्भ
- ईरान ने इससे पहले 2015 में प्रतिबंधों में राहत के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी, लेकिन अमेरिका द्वारा इस समझौते का बहिष्कार कर दिया गया था।
- अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रम्प द्वारा वार्ता के प्रस्ताव के बावजूद, ईरान को आक्रामक कार्यवाही का सामना करना पड़ा।
इज़रायल का सैन्यवादी दृष्टिकोण
- इजराइल का आक्रामक कार्रवाइयों का इतिहास रहा है, जिसमें गाजा में नरसंहार तथा लेबनान और सीरिया में बमबारी के हालिया आरोप शामिल हैं।
- इस तरह की अनियंत्रित सैन्यवाद कूटनीतिक प्रयासों और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है।
अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान
- इजरायल पर लगाम लगाने तथा पश्चिम एशिया में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित करने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास की अत्यधिक आवश्यकता है।