वैज्ञानिक खरीद में क्रांतिकारी परिवर्तन
नए आदेशों का परिचय
- सरकार ने कुछ नए आदेश जारी किए हैं जिन्हें वैज्ञानिकों ने 'क्रांतिकारी' माना है।
- एक बड़े बदलाव से वैज्ञानिक संस्थानों को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GEM) को बायपास करने की अनुमति मिल गई है।
GEM की पृष्ठभूमि
- GEM, भारत में निर्मित उपकरणों को प्राथमिकता देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय की एक पहल है।
- 2020 से सरकारी खरीद के लिए GEM के माध्यम से खरीदारी अनिवार्य कर दी गई है।
- सबसे कम कीमत देने वाले विक्रेता से खरीदने पर जोर दिया जाता है।
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए GEM से संबंधित मुद्दे
- इससे पहले, वैज्ञानिक संस्थानों को विक्रेता चुनने की स्वतंत्रता थी।
- उदाहरण: सोडियम क्लोराइड की शुद्धता में भिन्नता अनुसंधान और फार्मास्यूटिकल्स के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्रयोगों की पुनरुत्पादकता के लिए अक्सर विशिष्ट सामग्रियों और विधियों की आवश्यकता होती है।
- बजट की कमी के कारण कई प्रयोग छोड़ दिए जा सकते हैं या प्रयोगात्मक महत्वाकांक्षा कम हो सकती है।
GEM के माध्यम से खरीद में चुनौतियाँ
- भारत में परिष्कृत मशीनरी की खरीद के लिए औद्योगिक आधार का अभाव है।
- GEM का एक ही नीति वाला दृष्टिकोण वैज्ञानिक अनुसंधान में बाधा डालता है।
वैज्ञानिक मंत्रालयों का नेतृत्व
- यह महत्वपूर्ण है कि इसका नेतृत्व नौकरशाहों के बजाय वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है।
- यह मान्यता है कि विज्ञान को राज्य की सेवा करते हुए भी पोषित और उन्मुक्त किया जाना चाहिए।
इस परिवर्तन को अनुसंधान एवं विकास को आसान बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।