परिचय
कर्नाटक के मैंगलोर चिड़ियाघर से लाए गए एक किंग कोबरा की 18 जून को भोपाल के वन विहार चिड़ियाघर में मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव का लक्ष्य सर्पदंश से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए मध्य प्रदेश में किंग कोबरा को फिर से लाना है। साथ ही, वे राज्य में विषैले सांपों की आबादी का आकलन करने के लिए सांपों की जनगणना कराना चाहते हैं।
चुनौतियां और मुद्दे
प्रोटोकॉल और व्यवहार्यता का अभाव
- व्यवहार्यता संबंधी चिंताओं के कारण जंगल में सांपों की गिनती के लिए कोई मौजूदा प्रोटोकॉल नहीं है।
- मध्य प्रदेश के शुष्क जंगलों में किंग कोबरा के ऐतिहासिक अस्तित्व को लेकर संदेह है।
किंग कोबरा का आवास और वितरण
- किंग कोबरा घने वनस्पतियों वाले नम, अंधेरे जंगलों में रहते हैं, जो आमतौर पर अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- उनके आवास में पश्चिमी घाट, उत्तर भारत के तराई क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत और मैंग्रोव तट शामिल हैं, लेकिन आमतौर पर मध्य भारत शामिल नहीं है।
वैज्ञानिक निष्कर्ष और चिंताएं
आनुवंशिक और भौगोलिक विविधताएं
- 2021 के एक अध्ययन में पूरे एशिया में किंग कोबरा की चार अलग-अलग आनुवंशिक फैमिली की पहचान की गई।
- पश्चिमी घाट फैमिली, जिसे अब एक अलग प्रजाति (ओफियोफैगस कालिंगा) माना जाता है, अन्य भारतीय आबादियों से भिन्न है।
संकरण के जोखिम
- पश्चिमी घाट के किंग कोबरा को मध्य प्रदेश में लाने से संकरण हो सकता है, जिसके खिलाफ विशेषज्ञ सलाह देते हैं।
संरक्षण एवं पारिस्थितिकी चिंताएँ
नियंत्रित प्रजनन में चुनौतियाँ
- किंग कोबरा कैद में अच्छी तरह से प्रजनन नहीं कर पाते, जिससे जनसंख्या बढ़ाने के प्रयास चुनौतीपूर्ण हो जाते हैं।
मानव आबादी पर प्रभाव
- किंग कोबरा मानव आवासों से दूर रहते हैं, जिससे मनुष्यों के निकट विषैले सांपों की आबादी को नियंत्रित करने में उनकी प्रभावशीलता सीमित हो जाती है।
विशेषज्ञों की राय
- विशेषज्ञ साँपों की गणना की व्यवहार्यता और आवश्यकता पर सवाल उठा रहे हैं।
- यह सुझाव दिया गया है कि यदि वर्गीकरण संबंधी अद्यतनों पर विचार किया जाए तो किंग कोबरा को पूर्वोत्तर से मंगाना अधिक उपयुक्त हो सकता है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में किंग कोबरा को फिर से मध्य प्रदेश में लाने की योजना में कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं, जिनमें पारिस्थितिकीय उपयुक्तता, आनुवंशिक मुद्दे और जनसंख्या प्रबंधन में व्यावहारिक बाधाएँ शामिल हैं। इस पहल के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य और विशेषज्ञ अनुशंसाओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।