हरित ऊर्जा-संचालित AI प्रोसेसिंग में भारत की क्षमता
ऊर्जा-गहन AI प्रोसेसिंग की बढ़ती मांग के साथ, भारत के प्रचुर नवीकरणीय ऊर्जा (RE) संसाधन और बढ़ता AI इकोसिस्टम इसे हरित ऊर्जा-संचालित AI प्रोसेसिंग में एक संभावित अग्रणी के रूप में स्थापित करता है।
AI की ऊर्जा मांग और भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता
- वैश्विक डेटा सेंटर की ऊर्जा जरूरतें 2030 तक 4,000 TWh तक पहुंचने का अनुमान है, जो वैश्विक बिजली मांग का 5% है।
- एक एकल AI मॉडल के प्रशिक्षण में 284,000 kWh तक की खपत हो सकती है।
- भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी 50% बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न करना है।
- भारत में प्रतिवर्ष 300 से अधिक दिन धूप रहती है तथा हवा की गति अनुकूल रहती है, जिससे इसकी सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ती है।
- स्थानीय हरित ऊर्जा चैंपियन और आधुनिक राष्ट्रीय ग्रिड विश्व स्तरीय परियोजना कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं।
बढ़ता AI इकोसिस्टम और डेटा सेंटर बाज़ार
- भारत में 1,000 से अधिक AI स्टार्टअप हैं तथा वैश्विक AI प्रतिभा का 20% हिस्सा देश में अवस्थित है।
- भारत में AI बाजार 2025 तक 7.8 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
- भारतीय डेटा सेंटर बाजार 2025 तक 21.1% की CAGR के साथ 1,432 मेगावाट तक बढ़ने का अनुमान है। साथ ही, इसका 2030 तक 15.6% की वृद्धि दर के साथ 3,243 मेगावाट तक बढ़ने का अनुमान है।
टिकाऊ AI प्रोसेसिंग के लिए नवाचार और नीतियां
- डेटा केंद्रों को उच्च विश्वसनीयता, मॉड्यूलरिटी, रिडंडेंसी और सुरक्षा मानकों की आवश्यकता होती है।
- कार्बन गहनता को कम करने के लिए बैकअप ऊर्जा हेतु बैटरी और हाइड्रोजन ईंधन सेल जैसी हरित प्रौद्योगिकियों की खोज की जा रही है।
- भारत में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के AI-संचालित डेटा केंद्र 100% RE का उपयोग करते हैं, जो सफल कार्यान्वयन को दर्शाता है।
- मेक इन इंडिया पहल हरित डेटा केंद्रों और AI अवसंरचना के विकास का समर्थन करती है।
भारत के AI डेटा सेंटर क्षेत्र के लिए रणनीतिक कार्रवाई
- नेट-जीरो हाइपरस्केल डेटा सेंटर नीति को बढ़ावा देना।
- उपयुक्त बैकअप विकल्पों के साथ 24x7 हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने वाली साइटों का चयन करना।
- उन्नत डेटा केंद्रों के निर्माण के लिए कुशल प्रतिभा का विकास करना।
- ऊर्जा और जल की आवश्यकताओं को न्यूनतम करने के लिए नवाचारों को प्रोत्साहित करना।
- विनियामक और आउटरीच पहलों के माध्यम से भारत में डेटा संरक्षण में वैश्विक विश्वास का निर्माण करना।
अपने नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का लाभ उठाकर और AI डेटा सेंटर चुनौतियों का समाधान करके, भारत अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम कर सकता है, टिकाऊ व्यवसाय के केंद्र के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ा सकता है और स्वच्छ ऊर्जा और AI क्षेत्रों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा दे सकता है।