दूरसंचार नीति 2025 के मसौदे पर एक नजर
2018 की राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति के सात साल बाद जारी नई मसौदा दूरसंचार नीति का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य और मिशन निर्धारित करना है। असली चुनौती इन लक्ष्यों को लागू करने में है, जो पिछली नीतियों में बार-बार देखा गया एक मुद्दा है।
प्रमुख लक्ष्य और टारगेट
- रोजगार सृजन:
- दूरसंचार उद्योग में 10 लाख नौकरियां सृजित करना तथा 10 लाख लोगों को पुनः कौशल प्रदान करना।
- निवेश और कवरेज:
- दूरसंचार क्षेत्र में वार्षिक निवेश दोगुना करके 1 ट्रिलियन रुपये करना।
- 2030 तक 90% 5G जनसंख्या कवरेज प्राप्त करना।
- 2030 तक देश भर में 100 मिलियन घरों तक फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड पहुंचाना।
- ग्रामीण ब्रॉडबैंड: ग्रामीण क्षेत्रों में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड को बढ़ावा देने तथा अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के लिए छोटे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को समर्थन देने के लिए प्रोत्साहन।
- घरेलू विनिर्माण: दूरसंचार उपकरणों के घरेलू निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन तथा पांच वर्षों के भीतर भारत के दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास व्यय को दोगुना करने की योजना।
नीतिगत अंतराल और उद्योग की चिंताएँ
- अल्पकालिक वितरण उद्देश्यों पर विशिष्टताओं का अभाव।
- रोजगार सृजन और साइबर हमले की रोकथाम में एआई की भूमिका पर अपर्याप्त चर्चा।
- द्वैधाधिकार संबंधी बहस का बहिष्कार तथा राज्य स्वामित्व वाली दूरसंचार कम्पनियों का भविष्य।
- वित्तीय रूप से संकटग्रस्त निजी दूरसंचार कम्पनियों की उपेक्षा तथा स्पेक्ट्रम नीलामी और उपग्रह संचार ब्रॉडबैंड जैसे समकालीन मुद्दे।
निष्कर्ष
यद्यपि वर्तमान मसौदा नीति सरकार की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाली एक व्यापक इच्छा सूची है, फिर भी इसके प्रभावी क्रियान्वयन तथा वर्तमान औद्योगिक चुनौतियों का अधिक ठोस ढंग से समाधान करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप की आवश्यकता है।