जलवायु के कारण होने वाली मृत्यु: गर्मी बनाम ठंड
हर गर्मियों में, गर्मी से संबंधित मौतों की कहानियां जलवायु कार्रवाई की तात्कालिकता को उजागर करती हैं, जो अक्सर ठंड के प्रभाव को नजरअंदाज कर देती हैं। ठंड एक महत्वपूर्ण लेकिन कम रिपोर्ट किया जाने वाला कारक है।
ठंडे तापमान का प्रभाव
- सर्दी रक्तचाप को बढ़ाकर धीमी मृत्यु का कारण बन सकती है, जो विश्व में मृत्यु का प्रमुख कारण है।
- 2021 के लैंसेट अध्ययन के अनुसार, प्रति वर्ष वैश्विक स्तर पर ठंड से 4.5 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु होती है, जबकि गर्मी से लगभग पांच लाख लोगों की मृत्यु होती है।
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव
- तापमान में वृद्धि के कारण गर्मी से होने वाली मौतें अधिक हुई हैं, लेकिन ठंड से होने वाली मौतें कम हुई हैं।
- लैंसेट के अध्ययन में पाया गया है कि पिछले दो दशकों में तापमान से संबंधित मौतों में प्रतिवर्ष 166,000 की कमी आई है।
- एक अध्ययन से पता चलता है कि गर्मी और ठंड से संबंधित कुल मौतें आज की तुलना में कम रहेंगी, जब तक कि तापमान में लगभग 3°C की वृद्धि नहीं हो जाती। यह इस सदी के लिए वर्तमान अपेक्षाओं से कहीं अधिक है।
शमन रणनीतियाँ
- शहर के डिजाइन में नवाचार:
- पेड़ लगाना और हरित क्षेत्र बढ़ाना।
- परावर्तन बढ़ाने के लिए छतों और सड़कों को सफेद रंग से रंगना।
- हीटिंग और कूलिंग दोनों समाधानों के लिए किफायती ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
- अमेरिका में एयर कंडीशनिंग के कारण 1960 के बाद से गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या आधी हो गई है।
- प्राकृतिक गैस की कम कीमतों से किफायती हीटिंग से प्रत्येक शीतकाल में लगभग 12,500 लोगों की जान बचती है।
ऊर्जा लागत और जलवायु नीतियाँ
- नीतियां अक्सर ऊर्जा सामर्थ्य की तुलना में CO₂ उत्सर्जन में कमी को प्राथमिकता देती हैं, जिससे ऊर्जा संबंधी खर्च बढ़ जाता है।
- 2023 में 70 देशों से प्राप्त IEA डेटा सौर, पवन ऊर्जा के उपयोग और ऊर्जा की ऊंची कीमतों के बीच संबंध दर्शाता है।
- जर्मनी जैसे देशों को नेट-शून्य जलवायु नीतियों के कारण ऊर्जा लागत में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है।
- जर्मनी के एक बड़े हिस्से के लोग ऊर्जा की लागत को लेकर चिंतित हैं तथा कई लोग ठंड के बावजूद हीटिंग से बचते हैं।
निष्कर्ष
गर्मी से होने वाली मौतों पर मीडिया का ध्यान इस मुद्दे को अति-सरल बना देता है। नीतियों में किफायती ऊर्जा पहुँच सुनिश्चित करके और अनुकूलन को बढ़ावा देकर मानव कल्याण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही, टिकाऊ समाधानों के लिए ऊर्जा नवाचार में निवेश किया जाना चाहिए।