एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर एक नई स्वदेशी एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। यह प्रणाली 30-35 किलोमीटर की सीमा में दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
IADWS के घटक
- त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (QR-SAM): मारक क्षमता: लगभग 30 किलोमीटर
- एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेन्स सिस्टम (VSHORADS): मारक क्षमता: 6 किलोमीटर तक
- लेज़र-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW): मारक क्षमता: 2 से 4 किलोमीटर
नियंत्रण और एकीकरण
- यह प्रणाली केन्द्रीय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा समन्वित की जाती है, जिसे डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (DRDL) ने विकसित किया है।
- परीक्षणों के दौरान, इसने उच्च गति वाले मानवरहित हवाई वाहनों सहित कई लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया।
प्रौद्योगिकीय समन्वय और विकास
DRDO द्वारा IADWS का विकास विभिन्न प्रयोगशालाओं की प्रौद्योगिकियों के दीर्घकालिक एकीकरण को दर्शाता है। इसकी शुरुआत इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) से हुई थी, जिसे वर्ष 1983 में ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में प्रारंभ किया गया था।
प्रमुख प्रयोगशालाएं और विकास
- एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL): यह प्रयोगशाला रॉकेट और मिसाइल तकनीक में विशेषज्ञता रखती है। इसके द्वारा अग्नि और पृथ्वी श्रृंखला की मिसाइलें विकसित की गईं।
- टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL): यह प्रयोगशाला वारहेड डिज़ाइन पर केंद्रित है।
- रिसर्च सेंटर इमारत (RCI): यह प्रयोगशाला मिसाइल प्रौद्योगिकियों जैसे नेविगेशन, गाइडेंस और नियंत्रण प्रणालियों में विशेषज्ञता रखती है।
सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण
- सिरेमिक रेडोम जैसे महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण के लिए कार्बोरंडम यूनिवर्सल लिमिटेड (CUMI) जैसी निजी कंपनियों के साथ तकनीकी प्रगति साझा की जाती है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भी संभावना है, विशेष रूप से आयरन डोम जैसी प्रणालियों के लिए इजरायल की सेना के साथ, जिसमें तामिर इंटरसेप्टर मिसाइल जैसी प्रौद्योगिकियों को शामिल किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत की रणनीति में संयुक्त विकास, शक्तियों को साझा करना और पूरक प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना शामिल है, जैसा कि रूस के साथ ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल और इजरायल के साथ लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LR-SAM) जैसी परियोजनाओं में देखा गया है।