तकनीकी उन्नति और सार्वजनिक कल्याण
वित्त मंत्री ने जनहित में तकनीकी प्रगति के महत्व पर ज़ोर दिया और तकनीक के शस्त्रीकरण के जोखिमों पर प्रकाश डाला। ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में बोलते हुए, उन्होंने तकनीक को प्रभावित करने वालों से संयम और ज़िम्मेदारी बरतने का आग्रह किया।
भाषण के मुख्य बिंदु
- कोई भी समाज प्रौद्योगिकी पर पूर्णतः अधिकार नहीं कर सकता; इसका उपयोग नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- तकनीकी प्रगति को कभी-कभी हथियार बना लिया जाता है, जिससे प्रगति धीमी हो जाती है।
- डीपफेक और डिजिटल धोखाधड़ी जैसे AI दुरुपयोग पर बढ़ती जांच, नवाचार के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।
फिनटेक फर्मों के लिए फोकस क्षेत्र
- वित्तीय समावेशन का विस्तार करें, विशेष रूप से MSME, महिलाओं और गिग श्रमिकों के लिए।
- निम्न-कार्बन परिवर्तनों का समर्थन करने के लिए हरित वित्त उत्पाद विकसित करना।
- सुनिश्चित करना कि AI संधारणीय और हरित ऊर्जा पर कार्य करे।
AI प्रतिभा में भारत की भूमिका
- वैश्विक AI प्रतिभा में भारत का योगदान 16% है।
- विश्व स्तर पर शीर्ष तीन प्रतिभा बाजारों में शुमार।
- एआई-सक्षम वैश्विक क्षमता केन्द्रों (GCC) से 2030 तक भारत के AI सेवा राजस्व का 30-35% हिस्सा प्राप्त होने की उम्मीद है।
जोखिम और जिम्मेदारियाँ
- AI को धोखे के लिए हथियार बनाया जा सकता है, जैसा कि व्यक्तिगत डीपफेक अनुभवों से स्पष्ट होता है।
- फिनटेक विकास को राजस्व वृद्धि, लाभप्रदता और अनुपालन जैसे बुनियादी सिद्धांतों के साथ नवाचार को संतुलित करना होगा।
- भारत में साक्षरता और डिजिटल जानकारी में विविधता के कारण साइबर सुरक्षा, धोखाधड़ी और अनैतिक ऋण प्रमुख जोखिम हैं।
- RBI के विनियामक सैंडबॉक्स जैसे साधन, जवाबदेही के साथ जिम्मेदार नवाचार को सक्षम बनाते हैं।
कार्यवाई के लिए बुलावा
सीतारमण ने डीपफेक और साइबर अपराध जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नियामकों, वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों, स्टार्टअप्स और नागरिकों के बीच सहयोग का आह्वान किया। इसका लक्ष्य एक नवोन्मेषी, समावेशी, विश्वसनीय और लचीली प्रणाली बनाना है।