चाबहार बंदरगाह पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छूट
ईरान के चाबहार बंदरगाह पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छह महीने की छूट मिल गई है। यह भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और राजनयिक संबंधों के लिए एक रणनीतिक कदम है। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए चल रही बातचीत के बीच इस छूट की घोषणा की।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका ने पहले चाबहार बंदरगाह के लिए प्रतिबंधों में दी गई छूट को वापस लेने की घोषणा की थी, जो 2018 में शुरू में दी गई थी।
- यह छूट महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इससे अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए ईरान स्वतंत्रता और प्रसार-रोधी अधिनियम (IFCA) के तहत बंदरगाह के विकास की अनुमति मिल गई।
- ये प्रतिबंध 29 सितंबर, 2025 से प्रभावी होने वाले हैं, जिसका उद्देश्य ट्रम्प की अधिकतम दबाव नीति के तहत ईरानी शासन को अलग-थलग करना है।
चाबहार बंदरगाह का सामरिक महत्व
- भौगोलिक महत्व: दक्षिण-पूर्वी ईरान में स्थित यह द्वीप भारत को पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अरब सागर तक एकमात्र सीधा समुद्री संपर्क प्रदान करता है।
- व्यापार और संपर्क: यह भारत को अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान तथा कजाकिस्तान जैसे मध्य एशियाई देशों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण व्यापार गलियारा है।
- INSTC का हिस्सा: यह बंदरगाह अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में एकीकृत है, जिससे हिंद महासागर से उत्तरी यूरोप तक संपर्क बढ़ गया है।