भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता
भारत न्यूजीलैंड के साथ FTA सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से चर्चा कर रहा है, जिसमें उसके कमजोर क्षेत्रों, विशेष रूप से कृषि, के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
वार्ता के मुख्य बिंदु
- कमजोर क्षेत्रों की सुरक्षा:
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने डेयरी, किसानों और MSME जैसे क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
- राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण डेयरी उत्पादों को "रेड लाइन" माना जाता है, और भारत इस पर समझौता करने का इक्षुक नहीं है।
- बाजार पहुंच और सहयोग:
- न्यूजीलैंड डेयरी और मादक पेय पदार्थों सहित कृषि उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच चाहता है।
- भारत डेयरी मशीनरी सहित कृषि प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने की संभावना तलाश रहा है।
वार्ता में प्रगति
- 10 वर्ष के अंतराल के बाद वार्ता चौथे दौर में पहुंच गई है, जिसमें महत्वपूर्ण प्रगति की सूचना है।
- यह चर्चा मूलतः 15 वर्ष पहले शुरू हुई थी, लेकिन 10 दौर के बाद रुक गई थी।
आर्थिक प्रभाव
- 2024 में, भारत ने न्यूजीलैंड को 752 मिलियन डॉलर मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात किया, जबकि न्यूजीलैंड से आयात कुल 791 मिलियन डॉलर का था।
- न्यूजीलैंड से मुख्य आयात में लोहा और इस्पात, एल्युमीनियम और विभिन्न कृषि उत्पाद शामिल हैं, जबकि निर्यात में दवाएं और वस्त्र शामिल हैं।
सामरिक महत्व
- न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने न्यूजीलैंड की समृद्धि और सुरक्षा के लिए भारत के महत्व पर प्रकाश डाला।
- लोगों के बीच आपसी संबंध और श्रम गतिशीलता प्रस्तावित FTA के प्रमुख घटक हैं।