राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र का पूर्वानुमानित रोग निगरानी में परिवर्तन
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) भारत में पारंपरिक रोग पहचान विधियों से पूर्वानुमानित निगरानी मॉडल की ओर बढ़ रहा है। यह परिवर्तन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) , रीयल-टाइम डेटा विश्लेषण और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य जन स्वास्थ्य सुरक्षा को मज़बूत करना है।
भविष्यसूचक मॉडल का विकास
- आगामी पूर्वानुमान मॉडल कई डेटा स्रोतों को एकीकृत करेगा:
- AI निगरानी
- प्रयोगशाला खुफिया
- जलवायु डेटा
- जनसंख्या आंदोलन पैटर्न
- डिजिटल डायग्नोस्टिक्स
यह मॉडल प्रकोप के पूर्वानुमान लगाएगा, जिससे भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों के प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी।
मौजूदा प्रणालियाँ और उपलब्धियाँ
- यह मॉडल एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (IHIP) के अंतर्गत मौजूदा AI-आधारित घटना निगरानी प्रणालियों का विस्तार करता है।
- IDSP के अंतर्गत मीडिया स्कैनिंग और सत्यापन सेल (MSVC) AI प्रौद्योगिकी का उपयोग निम्नलिखित के लिए करता है:
- प्रतिदिन 13 भारतीय भाषाओं में लाखों ऑनलाइन समाचार रिपोर्टें स्कैन करना।
- रोग के प्रकार, स्थान और पैमाने सहित संरचित स्वास्थ्य घटना डेटा निकालें।
- 2022 से, सिस्टम ने 300 मिलियन से अधिक समाचार लेखों को संसाधित किया है और 95,000 से अधिक अद्वितीय स्वास्थ्य-संबंधी घटनाओं को चिह्नित किया है।
प्रभाव और भविष्य के लक्ष्य
- पूर्वानुमानित निगरानी दृष्टिकोण का उद्देश्य है:
- रोग प्रवृत्तियों का पूर्वानुमान।
- पहला मामला सामने आने से पहले हस्तक्षेप संभव बनाएं।
- स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रारंभिक चेतावनी संकेतों का पता लगाने के लिए सशक्त बनाना।
- संसाधनों और फील्ड टीमों को तेजी से जुटाएं।
- जिला स्तर पर जोखिम शमन को मजबूत करना।
- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के अंतर्गत महानगरीय निगरानी इकाइयों (MSU) ने वास्तविक समय निगरानी क्षमताएं प्रदर्शित की हैं, जो इस परिवर्तन को और अधिक समर्थन प्रदान करती हैं।