सुप्रीम कोर्ट ने 'डिजिटल अरेस्ट' घोटालों पर CBI को निर्देश दिए
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को 'डिजिटल गिरफ्तारी' घोटालों से निपटने का काम सौंपा है, तथा एजेंसी को ऐसे साइबर अपराधों से जुड़े खाते खोलने वाले बैंकरों से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए व्यापक अधिकार प्रदान किए हैं।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
- इन घोटालों के माध्यम से पीड़ितों, मुख्य रूप से बुजुर्गों से 3,000 करोड़ रुपये की ठगी की गई है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी वाले निवेश और अंशकालिक नौकरी घोटाले जैसे अन्य साइबर अपराधों की तुलना में डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों की जांच को प्राथमिकता दी है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का विवरण
- CBI को राज्य की सहमति के बिना अखिल भारतीय जांच करने का निर्देश दिया गया है, जो असाधारण परिस्थितियों के लिए आरक्षित एक दुर्लभ न्यायिक कदम है।
- बिहार, तमिलनाडु और अन्य राज्यों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत जांच के लिए दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 6 के तहत सहमति लेनी होगी।
- न्यायालय ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराध के ठिकानों पर नज़र रखने के लिए इंटरपोल के साथ मिलकर काम करने पर ज़ोर दिया।
कार्यान्वयन उपाय
- भारतीय रिजर्व बैंक, बैंक खातों के माध्यम से आपराधिक आय की आवाजाही का पता लगाने के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करने की संभावना तलाश रहा है।
- ऑनलाइन मध्यस्थों को प्रासंगिक डेटा उपलब्ध कराकर CBI को सहयोग प्रदान करना आवश्यक है।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से जुड़े क्षेत्रीय साइबर अपराध केंद्र स्थापित करने होंगे।
दूरसंचार उद्योग की चिंताएँ
- दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा सिम कार्ड जारी करने में लापरवाही की आलोचना की गई, जिसमें एक ही नाम से कई सिम जारी करने पर प्रकाश डाला गया।
- दूरसंचार विभाग सिम के दुरुपयोग को रोकने के लिए उपाय प्रस्तावित करेगा।
साइबर धोखाधड़ी का वर्गीकरण
- अधिवक्ता एन.एस. नप्पिनाई ने धोखाधड़ी को डिजिटल गिरफ्तारी, धोखाधड़ीपूर्ण निवेश और अंशकालिक नौकरी के वादों में वर्गीकृत किया, तथा पीड़ितों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
सर्वोच्च न्यायालय की निर्णायक कार्रवाई इस बात को रेखांकित करती है कि डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों से निपटने में कितनी तत्परता और गंभीरता बरती जा रही है, तथा इन धोखाधड़ी को कम करने के लिए व्यापक रणनीति और सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।