रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशें
रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने सशस्त्र बलों की इष्टतम युद्ध तत्परता बनाए रखने के लिए अनुसंधान और विकास हेतु पर्याप्त बजटीय प्रावधानों के महत्व पर जोर दिया।
भविष्य युद्ध कोष और प्रौद्योगिकियां
- रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों के भीतर एक "भविष्य युद्ध कोष" की स्थापना की है।
- उभरती प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करने के लिए एक "भविष्य विश्लेषण समूह" का प्रस्ताव किया गया है।
- रक्षा क्षेत्र में उभरते प्रमुख क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- रोबोटिक्स स्वचालन
- हाइपरसोनिक ड्रोन के लिए वेग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- खुफिया युद्ध, जिसमें शामिल हैं:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता
- डेटा विश्लेषण
- यंत्र अधिगम
बजट संबंधी विचार
समिति ने आधुनिकीकरण बजट की अनिश्चितता पर ध्यान दिया और युद्ध को प्रभावित करने वाले उभरते तकनीकी रुझानों को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मंत्रालय सक्रिय रूप से नई युद्ध प्रौद्योगिकियों को अपना रहा है।
वित्त वर्ष 2026 के लिए रक्षा बजट
- रक्षा के लिए आवंटित कुल बजट: ₹6.81 ट्रिलियन, जो केंद्र सरकार के कुल व्यय का लगभग 13.45% है।
- वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2026 तक रक्षा बजट में 7.94% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) देखी गई, जो सालाना मुद्रास्फीति दर से अधिक है।
- मुद्रास्फीति (4.90% CPI) के लिए समायोजित वित्त वर्ष 2026 के बजट में वृद्धि 6.16% है, जो वित्त वर्ष 2025 की तुलना में सुधार दर्शाती है।
- इष्टतम युद्ध तत्परता बनाए रखने के लिए, यदि आवश्यक हो तो संशोधित अनुमान चरण में अतिरिक्त धनराशि के आवंटन की सिफारिश की जाती है।
- आधुनिकीकरण बजट का 75% हिस्सा स्वदेशी स्रोतों से खरीद के लिए निर्धारित किया गया है, जिससे विदेशी मुद्रा जोखिम कम हो जाता है।
अतिरिक्त जानकारी
ऑपरेशन सिंदूर के कारण भारत के रक्षा खर्च में वृद्धि हुई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को वित्त वर्ष 26 के लिए ₹26,816.82 करोड़ आवंटित किए गए।