भारत का धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन
भारत का धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन क्षेत्रक उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव कर रहा है। यह न केवल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि पर्याप्त राजस्व भी उत्पन्न कर रहा है। विभिन्न मंदिर और आध्यात्मिक स्थल व्यवसायों के लिए प्रमुख राजस्व स्रोत बन रहे हैं।
होटल उद्योग का विस्तार
- सरोवर होटल:
- कंपनी के राजस्व में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का योगदान 20% है।
- हाल ही में अयोध्या में 129-की सरोवर प्रीमियर और मथुरा में 70-की सरोवर पोर्टिको पर हस्ताक्षर किए गए।
- उज्जैन, द्वारकाधीश और पुरी जैसे नए स्थलों की खोज करना।
- रेडिसन होटल समूह:
- अयोध्या में पहला होटल खोला गया है, दूसरे की योजना है।
- अगले पांच वर्षों में मांग में वृद्धि की उम्मीद के साथ उच्च ऑक्यूपेंसी दर।
- रथ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों को ध्यान में रखते हुए देवघर में रेडिसन ब्लू होटल और पुरी में रेडिसन रेड होटल के साथ अनुबंध किया गया।
- अन्य होटल चेन्स:
- इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (ताज), ITC होटल्स, पार्क होटल्स और लेमन ट्री होटल्स अयोध्या में विस्तार कर रहे हैं।
- नए लक्जरी रिसॉर्ट ताज अयोध्या में 300 कमरे और 29 लक्जरी विला होंगे।
यात्रा उद्योग से संबंधित इनसाइट्स
- ललित होटल्स:
- अपने मध्यम स्तर के ब्रांड, ललित ट्रैवलर के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक सर्किट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- मेकमाईट्रिप:
- आध्यात्मिक पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि, वित्त वर्ष 24 में तीर्थ नगरियों से संबंधिती यात्राओं में 95% की वृद्धि।
- बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रमुख तीर्थयात्रा सर्किटों में प्रसाद का विस्तार करने की योजना है।
पर्यटकों से संबंधित आँकड़े
- वाराणसी में 62 मिलियन घरेलू और 184,000 अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आये।
- मथुरा में 68 मिलियन पर्यटक आये तथा तिरुपति में 25 मिलियन से अधिक श्रद्धालु आये।
- प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में 45 दिनों में 660 मिलियन पर्यटक आए, जिससे 3 ट्रिलियन रुपए की आर्थिक गतिविधि उत्पन्न हुई।
- प्रयागराज हवाई अड्डे ने 560,000 से अधिक यात्रियों और 5,225 उड़ानों का प्रबंधन किया, जिनमें 1,775 चार्टर उड़ानें शामिल थीं।
राम मंदिर उद्घाटन का प्रभाव
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे 135.5 मिलियन घरेलू पर्यटक आए। अयोध्या उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगह ताजमहल से आगे निकल गई। भारत में घरेलू यात्रा में आस्था आधारित पर्यटन का हिस्सा 60% से अधिक है। आध्यात्मिक स्थलों की लोकप्रियता और स्वास्थ्य तथा चिकित्सा पर्यटन के बढ़ने के कारण इसमें निरंतर वृद्धि की उम्मीद है।