सेवा क्षेत्रक में रोजगार पर नीति आयोग की रिपोर्ट का अवलोकन
नीति आयोग की एक हालिया रिपोर्ट भारत के सेवा क्षेत्रक में रोज़गार के विस्तार पर प्रकाश डालती है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह रिपोर्ट रोज़गार सृजन में इस क्षेत्र की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है, कुल रोज़गार में इसकी हिस्सेदारी 2011-12 के 26.9% से बढ़कर 2023-24 में 29.7% हो जाएगी।
प्रमुख आयाम और संरचनात्मक चुनौतियां
- इस रिपोर्ट में सात आयामों में रोजगार प्रोफाइल की जांच की गई है: स्थानिक वितरण, लिंग भागीदारी, रोजगार प्रकार, आयु प्रोफाइल, शिक्षा, अनौपचारिकता और आय।
- ये प्रोफाइल संरचनात्मक चुनौतियों की पहचान करने तथा उत्पादक एवं लाभकारी रोजगार बढ़ाने के लिए नीतिगत विकल्प सुझाने में मदद करते हैं।
औपचारिक बनाम अनौपचारिक रोजगार
यह रिपोर्ट औपचारिक बनाम अनौपचारिक रोजगार, विशेष रूप से सेवा क्षेत्रक के बारे में जानकारी प्रदान करती है:
- 51% नौकरियाँ नियमित वेतन वाली हैं, जबकि 45% स्व-रोजगार वाली हैं।
- अनौपचारिक नौकरियाँ (सामाजिक सुरक्षा के बिना नियमित वेतन वाली नौकरियाँ) इस क्षेत्रक का 69% हिस्सा हैं।
- कुल उद्यमों में स्वामी-संचालित और परिवार-आधारित उद्यमों का हिस्सा 82.5% है।
रोजगार की लोचशीलता
रिपोर्ट में कृषि, विनिर्माण और सेवाओं में रोजगार लोचशीलता में कोविड के बाद हुई वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है:
- सेवाओं के लिए लोचशीलता 0.35 से बढ़कर 0.63 हो गई।
- कृषि और विनिर्माण क्षेत्रक में लोचशीलता एक से अधिक है, जो अधिक महत्वपूर्ण उत्पादन-रोजगार संबंध को दर्शाता है।
चुनौतियाँ और नीतिगत सुझाव
- औपचारिकीकरण में बाधाएं: अनौपचारिक उद्यमों को अनुपालन से होने वाली लागत और कथित लाभों की कमी का सामना करना पड़ता है, जबकि औपचारिक उद्यमों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने से होने वाली लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।
- मांग में विस्तार से औपचारिकता अधिक वांछनीय हो सकती है।
- सरकारी सेवा के रूप में सामाजिक सुरक्षा औपचारिक उद्यमों की लागत कम कर सकती है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रभाव
- ऐसा अनुमान है कि AI के कारण संभवतः 40-50% सफेदपोश नौकरियाँ समाप्त हो जाएंगी।
- AI और बिग डेटा विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी, लेकिन समग्र रोजगार प्रभाव नकारात्मक हो सकता है।
- IT और फिनटेक क्षेत्रों में उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए पुनः कौशल विकास और कौशल उन्नयन आवश्यक है।
- इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए औपचारिकीकरण और लचीले रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जा रहा है।