प्रधान मंत्री की तीन देशों की यात्रा
प्रधान मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय दौरे की शुरुआत की। यह पहलगाम आतंकवादी हमले और पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे पर भारत के मिसाइल हमलों के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी।
गंतव्य देश
- कनाडा: G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेना तथा विशेष रूप से खालिस्तानी चरमपंथियों के संबंध में कनाडा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थापित करना।
- साइप्रस: विशेष रूप से भूमध्यसागरीय क्षेत्र में, द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक सहयोग पर चर्चा करना।
- क्रोएशिया: व्यापार, निवेश और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना।
मुख्य चर्चाएँ और उद्देश्य
- G7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति सहित अन्य नेताओं के साथ बैठकें।
- वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जैसे:
- ऊर्जा सुरक्षा और प्रौद्योगिकी उन्नति, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
- अमेरिकी टैरिफ से आर्थिक व्यवधान।
- ईरान-इज़राइल संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध।
- आतंकवाद के प्रति वैश्विक समझ और प्रतिक्रिया को मजबूत करना।
यात्राओं का महत्व
- कनाडा: 10 वर्षों में पहली यात्रा, कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा आमंत्रित।
- साइप्रस: भूमध्य सागर क्षेत्र के साथ संबंधों को मजबूत करना; द्विपक्षीय व्यापार 136.96 मिलियन डॉलर (अप्रैल 2023-मार्च 2024) तक पहुंच गया। साइप्रस भारत में शीर्ष 10 निवेशकों में से एक है।
- क्रोएशिया: किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा; 300 मिलियन डॉलर मूल्य का व्यापार बढ़ा।
G7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी
- G7 आउटरीच सेशन में भारत की यह 12वीं भागीदारी है, जो समूह की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हो रही है।
- चर्चा के विषय इस प्रकार हैं:
- विदेशी हस्तक्षेप और अंतर्राष्ट्रीय अपराध का मुकाबला करना।
- ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल परिवर्तन में तेजी लाना।
- महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुदृढ़ बनाना।