निजी पूंजी के समर्थन से भारत की परमाणु ऊर्जा परिवर्तन के लिए तैयार | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

Daily News Summary

Get concise and efficient summaries of key articles from prominent newspapers. Our daily news digest ensures quick reading and easy understanding, helping you stay informed about important events and developments without spending hours going through full articles. Perfect for focused and timely updates.

News Summary

Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat

निजी पूंजी के समर्थन से भारत की परमाणु ऊर्जा परिवर्तन के लिए तैयार

20 Jun 2025
13 min

भारत की परमाणु यात्रा: दृष्टि और परिवर्तन

1950 के दशक में होमी भाभा द्वारा शुरू किए गए भारत के परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (PHWRs), फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों (FBRs) और थोरियम-आधारित प्रणालियों के माध्यम से ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करना था। शुरुआती प्रतिबद्धता के बावजूद, प्रतिबंधों, सीमित यूरेनियम भंडार, तकनीकी चुनौतियों और नीतिगत बाधाओं के कारण प्रगति धीमी रही। वर्तमान में, भारत की कुल 466 गीगावाट की बिजली क्षमता में परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी 8.8 गीगावाट है।

अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौता

  • इस समझौते पर 2005 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने हस्ताक्षर किये थे।
  • इसे वामपंथियों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिससे राजनीतिक उथल-पुथल मच गई।
  • यह भारत के परमाणु विकास के पथ पर एक महत्वपूर्ण क्षण था।

वर्तमान एवं भविष्य के लक्ष्य

  • भारत का लक्ष्य 2047 तक परमाणु ऊर्जा को 100 गीगावाट तक बढ़ाना है, जो 2070 तक उसके शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करेगा।
  • छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) : 300 मेगावाट से कम क्षमता वाली फैक्ट्री-निर्मित इकाइयाँ। 2025-26 के बजट में 2033 तक पाँच एसएमआर चालू करने के लिए अनुसंधान एवं विकास के लिए ₹20,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
  • एसएमआर से 100 गीगावाट के लक्ष्य में 41 गीगावाट का योगदान मिलने की उम्मीद है।
  • भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) 25 रिएक्टरों का संचालन करता है, तथा इसकी 2047 तक 50 गीगावाट क्षमता जोड़ने की योजना है।
  • तमिलनाडु के कलपक्कम में 500 मेगावाट प्रोटोटाइप के साथ फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (एफबीआर) के उपयोग की योजना बनाई गई है।

निजी क्षेत्र की भागीदारी

  • निजी भागीदारी से परमाणु लक्ष्य का लगभग 50% हासिल करने की उम्मीद है।
  • टाटा, अडानी, रिलायंस और लार्सन एंड टूब्रो जैसी कंपनियां परमाणु प्रभागों में निवेश कर रही हैं।
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी को आसान बनाने तथा देयता को सीमित करने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित है।
  • 49% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर विचार किया जाता है।

प्रोत्साहन और समर्थन

  • उच्च लागत को कम करने के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण और दीर्घकालिक विद्युत क्रय समझौते।
  • निवेश जोखिम को कम करने के लिए संप्रभु गारंटी और हरित ऊर्जा वर्गीकरण।
  • घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों के माध्यम से यूरेनियम की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  • साइट अनुमोदन और ब्राउनफील्ड निवेश में तेजी लाना।

भारत का परमाणु पुनरुद्धार एक दृष्टिकोण से नीति-समर्थित मिशन में परिवर्तित हो रहा है, जिसमें गति और निजी क्षेत्र का समावेश बढ़ रहा है।

Tags:
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features