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बायोचार की क्षमता क्या है? | Current Affairs | Vision IAS

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बायोचार की क्षमता क्या है?

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बायोचार: भारत में कार्बन कैप्चर और सतत विकास के लिए एक बहुक्षेत्रीय तरीका 

परिचय 

  • बायोचार एक कार्बन-समृद्ध चारकोल है जो कृषि अवशेषों और आर्गेनिक नगरपालिका ठोस अपशिष्ट से उत्पादित होता है। 
  • यह 2026 में लॉन्च होने वाले भारतीय कार्बन बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है तथा टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन और कार्बन कैप्चर समाधान प्रदान करेगा।

अपशिष्ट प्रबंधन में संभावनाएं 

  • भारत में प्रतिवर्ष 600 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक कृषि अवशेष और 60 मिलियन टन नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है। 
  • अधिशेष अपशिष्ट का 30% से 50% उपयोग करने से 15-26 मिलियन टन बायोचार का उत्पादन हो सकता है, जिससे प्रतिवर्ष 0.1 गीगाटन CO₂-समतुल्य उत्सर्जन हो सकता है।
  • सिंथेटिक गैस और जैव-तेल जैसे उप-उत्पादों से 8-13 TWh बिजली पैदा की जा सकती है और प्रतिवर्ष 12-19 मिलियन टन डीजल या केरोसीन उत्पादन की भरपाई की जा सकती है।

बायोचार से लाभान्वित होने वाले क्षेत्र 

  1. कृषि: अर्ध-शुष्क, पोषक तत्वों से रहित मिट्टी में जल धारण क्षमता में सुधार करता है और नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन को 30-50% तक कम करता है। मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन को बढ़ाता है, जिससे क्षरित मिट्टी की बहाली में मदद मिलती है। 
  2. कार्बन कैप्चर: संशोधित बायोचार औद्योगिक गैसों से CO₂ को कैप्चर कर सकता है, हालांकि वर्तमान में इसकी दक्षता पारंपरिक तरीकों की तुलना में कम है।
  3. निर्माण: निर्माण सामग्री के लिए कम कार्बन विकल्प के रूप में कार्य करता है, कंक्रीट की मजबूती और गर्मी प्रतिरोध में सुधार करता है और प्रति घन मीटर 115 किलोग्राम CO₂ को अवशोषित करता है। 
  4. अपशिष्ट जल उपचार: प्रति किलोग्राम 200-500 लीटर अपशिष्ट जल का उपचार किया जाता है, जिसमें 2.5-6.3 मिलियन टन बायोचार की संभावित मांग होती है। 

चुनौतियाँ और अवसर 

  • मानकीकृत फीडस्टॉक बाजारों और सुसंगत कार्बन लेखांकन विधियों की कमी के कारण बायोचार को कार्बन क्रेडिट प्रणालियों में कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
  • बाधाओं में सीमित संसाधन, विकसित होती प्रौद्योगिकियां, बाजार की अनिश्चितताएं और अपर्याप्त नीति समर्थन शामिल हैं।
  • बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ मौजूदा ढांचे और नीतियों में एकीकरण आवश्यक है।
  • बायोचार को सत्यापन योग्य कार्बन निष्कासन के तरीक़े के रूप में मान्यता देने से 5.2 लाख ग्रामीण रोजगार सृजित हो सकते हैं तथा जलवायु कार्रवाई को आर्थिक विकास से जोड़ा जा सकता है। 
  • अतिरिक्त लाभों में मृदा स्वास्थ्य में सुधार, उर्वरक की आवश्यकता में कमी (10-20%) तथा फसल उपज में वृद्धि (10-25%) शामिल हैं। 

निष्कर्ष

  • बायोचार भारत को अपने जलवायु और विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक विज्ञान-समर्थित, बहुक्षेत्रीय मार्ग प्रदान करता है, हालांकि यह कोई आसान तरीका नहीं है।
  • Tags :
  • Biochar
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