फिलीपींस के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा
यात्रा का अवलोकन
यह यात्रा 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद उनकी पहली यात्रा थी। यह 8 अगस्त, 2025 को संपन्न हुई और भारत तथा फिलीपींस के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण थी।
रणनीतिक साझेदारी समझौता
- एक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे ऐतिहासिक-सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा तथा हार्ड पावर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- यह समझौता पश्चिमी फिलीपीन सागर में चीन की गतिविधियों पर चिंताओं के बीच दोनों देशों के बीच गहन सहयोग को दर्शाता है।
सैन्य और रक्षा सहयोग
- भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन नौसेना के साथ अपना पहला संयुक्त समुद्री अभ्यास किया, जिसकी चीन ने आलोचना की।
- भारत फिलीपींस के पक्ष में 2016 के UNCLOS न्यायाधिकरण मध्यस्थता पुरस्कार का समर्थन करता है तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बहुपक्षीय व्यवस्था के सम्मान की वकालत करता है।
- फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल के लिए पहला निर्यात गंतव्य है तथा भारतीय सैन्य हार्डवेयर में उसकी रुचि बनी हुई है।
- सभी सैन्य सेवाओं और तटरक्षक बल के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
आर्थिक और व्यापारिक संबंध
- वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा 2024-25 के 3.3 बिलियन डॉलर के स्तर पर बहुत कम है।
- हालाँकि, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी और फार्मास्यूटिकल्स में निवेश बढ़ रहा है।
- आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) को संशोधित करने के लिए वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है तथा अधिमान्य व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement: PTA) के लिए चर्चाएं होनी हैं।
राजनयिक और क्षेत्रीय महत्व
- फिलीपींस 2026 में आसियान की अध्यक्षता करेगा तथा आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी का समन्वयक है।
- यह वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच, क्वाड समूह से परे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।