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जिनेवा प्लास्टिक संधि वार्ता में दो गुटों के बीच अवरोध जारी | Current Affairs | Vision IAS

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जिनेवा प्लास्टिक संधि वार्ता में दो गुटों के बीच अवरोध जारी

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प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक वार्ता 

प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतर-सरकारी वार्ता समिति (INC) ने 9 अगस्त, 2025 को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र यूरोपीय मुख्यालय में एक पूर्ण सत्र आयोजित किया। इस सत्र में प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने की रणनीतियों पर देशों के दो प्रमुख समूहों के बीच गतिरोध पर प्रकाश डाला गया।  

प्रमुख गठबंधन

  • उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन (HAC): नॉर्वे और रवांडा की अध्यक्षता में, इसमें लगभग 80 देश और यूरोपीय संघ (EU) के सदस्य शामिल हैं। 
  • समान विचारधारा वाले देश (LMC): इसमें ईरान, सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, चीन और क्यूबा शामिल हैं। भारत ने LMC के साथ एकजुटता व्यक्त की।  

बातचीत में गतिरोध

  • HAC प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए प्लास्टिक और पॉलिमर उत्पादन पर सीमा लगाने की वकालत करता है।
  • LMC ने उत्पादन सीमा के कारण व्यापार में संभावित व्यवधान का हवाला देते हुए अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने का तर्क दिया है। 

वैश्विक व्यापार गतिशीलता 

  • प्राथमिक प्लास्टिक पॉलिमर के वैश्विक व्यापार में एशिया का प्रभुत्व है, जिसमें 11 निर्यातक देश और 18 आयातक देश हैं। 
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब एथिलीन पॉलिमर के प्रमुख निर्यातक हैं। 
  • प्रमुख व्यापार मार्गों में चीन, भारत, मैक्सिको, कनाडा और वियतनाम आदि देश शामिल हैं। 

उद्योग के दृष्टिकोण और चुनौतियाँ 

  • LMC के प्रति भारत का समर्थन, पॉलिमर उत्पादन पर सीमा लगाने के विरुद्ध उद्योग लॉबी के रुख के अनुरूप है। 
  • कचरा प्रबंधन को बढ़ाने और कूड़ा-कचरा कम करने के लिए व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। 
  • पेट्रोलियम तथा पॉलिमर रिफाइनिंग हेतु पॉलिमर उत्पादों के घटते मार्जिन और मांग व्यावसायिक चुनौती बन रहे हैं। 

सत्र में प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए वैश्विक सहमति तक पहुंचने की जटिलता पर जोर दिया गया, जिसमें महत्वपूर्ण आर्थिक और भू-राजनीतिक कारक वार्ता को प्रभावित कर रहे हैं। 

  • Tags :
  • Plastic Pollution
  • Intergovernmental Negotiating Committee (INC)
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