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वैश्विक प्लास्टिक संधि वार्ता बिना किसी समझौते के समाप्त हुई | Current Affairs | Vision IAS
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वैश्विक प्लास्टिक संधि वार्ता बिना किसी समझौते के समाप्त हुई

Posted 18 Aug 2025

1 min read

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा ने 2022 में प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी एक संधि बनाने का संकल्प पारित किया था। इसका उद्देश्य प्लास्टिक के संपूर्ण जीवन-चक्र (डिजाइन से लेकर निपटान तक) को कवर करना है। जिनेवा वार्ता (INC-5.2, अगस्त 2025) का उद्देश्य इस संधि को अपनाने के लिए अंतिम दौर की वार्ता करना था।

  • वार्ता निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण विफल रही, जैसे कि: 
    • क्या संधि में नए प्लास्टिक उत्पादन पर सीमा आरोपित की जानी चाहिए, या 
    • इसकी बजाय अपशिष्ट प्रबंधन, पुन: उपयोग, बेहतर डिजाइन आदि पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

वैश्विक प्लास्टिक संधि की आवश्यकता क्यों है?

  • प्लास्टिक उत्पादन: यह 460 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष से अधिक है।
  • पुनर्चक्रण: कुल प्लास्टिक उत्पादन के केवल 9% का ही पुनर्चक्रण किया जाता है।
  • प्रदूषण: प्रतिवर्ष 20 मिलियन टन प्लास्टिक पर्यावरण में प्रवेश कर जाता है।
  • भविष्य को लेकर अनुमान
    • अनुमान है कि 2060 तक प्लास्टिक अपशिष्ट की मात्रा तीन गुना हो जाएगी।
    • 2016-2040 के दौरान इससे होने वाली आर्थिक क्षति का मूल्य लगभग 281 ट्रिलियन डॉलर हो सकता है।
  • पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
    • प्लास्टिक, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 4% का योगदान देता है।
    • यह जैव विविधता हानि और पारिस्थितिकी-तंत्र क्षरण का प्रमुख कारण है।
    • माइक्रोप्लास्टिक महासागरों और खाद्य श्रृंखलाओं में प्रवेश कर रहे हैं।

निष्कर्ष

प्लास्टिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन की तरह एक वैश्विक संकट बन गया है। इसके लिए सभी देशों को मिलकर एक वैश्विक प्रयास करने की आवश्यकता है। ऐसे में एक समावेशी संधि:

  • वैश्विक मानक निर्धारित कर सकती है;
  • चक्रीय समाधानों के लिए आवश्यक वित्त-पोषण उपलब्ध करा सकती है; तथा
  • पारिस्थितिकी-तंत्र, मानव स्वास्थ्य और आजीविका की रक्षा कर सकती है।

प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भारत द्वारा शुरू की गई पहलें

  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016: ये नियम प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटान के लिए विनिर्माताओं पर शुल्क लगाते हैं।
  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016: ये नियम पृथक्करण, पुनर्चक्रण, विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व आदि पर ध्यान केंद्रित करके प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन में सुधार करते हैं।
    • 2022 से एकल उपयोग प्लास्टिक वाली कुछ वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • अनिवार्य जूट पैकेजिंग अधिनियम, 2010: इसमें प्लास्टिक पैकेजिंग के विकल्प के रूप में जूट पैकेजिंग के उपयोग को अनिवार्य किया गया है।

वैश्विक पहलें

  • संयुक्त राष्ट्र स्वच्छ समुद्र अभियान: यह प्लास्टिक मुक्त महासागरों सहित स्वस्थ पर्यावरण के अधिकार को बढ़ावा देता है।
  • बेसल कन्वेंशन: इसमें प्लास्टिक अपशिष्ट की मात्रा को रोकने और न्यूनतम करने के लिए कार्रवाई; प्लास्टिक अपशिष्ट में मौजूद खतरनाक घटकों से होने वाले जोखिम को कम करना आदि को कवर किया गया है।
  • Tags :
  • Plastic Pollution
  • Global Plastic Treaty
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