संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए डाक सेवाओं का निलंबन
भारतीय डाक विभाग ने संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सभी प्रकार की डाक वस्तुओं की बुकिंग और प्रेषण को पूरी तरह से स्थगित करने की घोषणा की है। यह निर्णय अमेरिकी आयात शुल्क नियमों में हाल ही में हुए बदलावों के कारण परिचालन संबंधी बाधाओं के कारण लिया गया है।
हितधारकों पर प्रभाव
- परिवार और छात्र: अमेरिका में भारतीय परिवार और छात्र आवश्यक वस्तुओं, जैसे दवाइयों और कानूनी दस्तावेजों के लिए डाक सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।
- छोटे निर्यातक: हस्तशिल्प और ई-कॉमर्स में काम करने वाले सूक्ष्म निर्यातक अमेरिका में माल भेजने के लिए लागत प्रभावी डाक सेवाओं पर निर्भर करते हैं।
- लागत संबंधी चिंताएं: निजी कूरियर, हालांकि चालू हैं, लेकिन बहुत महंगे हैं, छोटे शिपमेंट के लिए डाक दरों की तुलना में तीन से पांच गुना अधिक खर्च करना पड़ता है।
अमेरिकी व्यापार विनियम
अमेरिकी सरकार के एक कार्यकारी आदेश ने, जो 29 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा, 800 डॉलर तक के मूल्य के सामानों पर शुल्क-मुक्त छूट हटा दी है। अब, 100 डॉलर तक के उपहार और कुछ दस्तावेज़ों को छोड़कर, अमेरिका को भेजे जाने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट पर सीमा शुल्क लगेगा।
वैश्विक प्रभाव
- भारत इस समस्या का सामना करने वाला अकेला देश नहीं है; कोरिया, सिंगापुर, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों ने भी अमेरिका जाने वाले माल को निलंबित कर दिया है।