पाकिस्तान के तिराह घाटी में हुई घटना
22 सितंबर को, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की तिराह घाटी में हुए एक विस्फोट में 20 से ज़्यादा लोग मारे गए और कई घर तबाह हो गए। विस्फोट का कारण विवादास्पद है, अधिकारी इसे पाकिस्तान तालिबान द्वारा जमा किए गए बम बनाने के सामान के कारण बता रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने इस क्षेत्र में हवाई हमले किए थे।
परस्पर विरोधी खाते
- PTI खैबर पख्तूनख्वा ने हवाई हमलों की सूचना दी है, जिससे घर नष्ट हो गए तथा नागरिक हताहत हुए।
- सुरक्षा बलों का दावा है कि तालिबान नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करता है, जिससे उनके खिलाफ अभियान जटिल हो जाता है।
बयान और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ
- स्थानीय पुलिस ने बताया कि दो पाकिस्तानी तालिबान कमांडरों ने उस परिसर में बम बनाने का कारखाना स्थापित किया था जिसे निशाना बनाया गया था।
- TTP या पाकिस्तान तालिबान अपनी आतंकवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है और इसका पाकिस्तानी सरकार के साथ संघर्ष का इतिहास रहा है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की पृष्ठभूमि
- TTP का गठन 2007 में पाकिस्तानी सैन्य अभियानों का विरोध करने वाले आतंकवादी समूहों के गठबंधन के रूप में किया गया था।
- शुरुआत में इसका नेतृत्व बैतुल्लाह महसूद कर रहा था, जो 2009 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था।
- TTP का लक्ष्य पाकिस्तान में इस्लामी अमीरात स्थापित करना है और वह आतंकवाद के विरुद्ध अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध में पाकिस्तान के सहयोग का विरोध करता है।
प्रभाव और ऐतिहासिक संदर्भ
- TTP ने कई घातक हमले किये हैं, जिनमें 2014 में पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल हत्याकांड भी शामिल है।
- 2011 में अफगानिस्तान में तालिबान के पुनरुत्थान ने TTP के प्रभाव को बढ़ा दिया है।
- पाकिस्तान की उम्मीदों के बावजूद, अफगान तालिबान ने TTP आतंकवादियों को समर्थन देना बंद नहीं किया है।
हालिया घटनाक्रम
- मार्च 2024 में, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में TTP के ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए, जिससे क्षेत्र में चल रहे तनाव और सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश पड़ा।