तमिलनाडु तटीय पुनर्स्थापन मिशन (TN-SHORE)
TN-SHORE पहल मैंग्रोव वृक्षारोपण और पुनरुद्धार पर केंद्रित है, जिसमें तमिलनाडु के तटीय लचीलेपन और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के व्यापक मिशन के एक भाग के रूप में 1,000 हेक्टेयर मैंग्रोव को बहाल करने की योजना है।
वित्तपोषण और उद्देश्य
- यह पहल 1,675 करोड़ रुपये की परियोजना है, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये विश्व बैंक द्वारा तथा शेष राज्य द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा ।
- इसका उद्देश्य 30,000 हेक्टेयर समुद्री परिदृश्य को पुनर्स्थापित करना तथा कछुओं और डुगोंग जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित करना है।
- यह पारिस्थितिकी पर्यटन और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन सहित टिकाऊ प्रथाओं का समर्थन करता है।
कार्यान्वयन और सामुदायिक भागीदारी
- स्थानीय वित्तीय निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए विश्व बैंक की धनराशि ग्राम मैंग्रोव परिषदों को दी जाती है।
- परिषद में स्थानीय निवासी शामिल होते हैं, जिसका अध्यक्ष समुदाय का सदस्य होता है तथा सदस्य-सचिव वन रेंज अधिकारी होता है।
- सामुदायिक खरीद योजना में कोटेशन या निविदा की आवश्यकता के बिना 8 लाख रुपये तक के छोटे आवंटन की अनुमति होती है।
मैंग्रोव बहाली विवरण
- पुनरुद्धार में 300 हेक्टेयर नए वृक्षारोपण और 700 हेक्टेयर क्षीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिसका प्रारंभिक वित्तपोषण 38 करोड़ रुपये की राशि से किया जाएगा।
- नए वृक्षारोपण के लिए संभावित स्थलों में परित्यक्त जलकृषि तालाब, अप्रयुक्त नमक पैन, क्षरित भूमि और मौजूदा मैंग्रोव अंतराल शामिल हैं।
तमिलनाडु में मैंग्रोव की वर्तमान स्थिति
- राज्य में कुल मैंग्रोव आवरण 41.9 वर्ग किलोमीटर है।
- इसमें 1.19 वर्ग किलोमीटर अति सघन क्षेत्र, 25.07 वर्ग किलोमीटर मध्यम सघन क्षेत्र तथा 15.65 वर्ग किलोमीटर खुले मैंग्रोव शामिल हैं।
सहयोग और भविष्य की योजनाएँ
- राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र द्वारा तटरेखा मानचित्रण के माध्यम से पुनर्स्थापन के लिए भूमि भूखंडों की पहचान की जा रही है।
- आगे की पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और M.S. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
तमिलनाडु मैंग्रोव कॉन्क्लेव 2025 में उपस्थित प्रमुख हस्तियों में सुप्रिया साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास आर. रेड्डी, मुख्य वन्यजीव वार्डन राकेश कुमार डोगरा और जलवायु परिवर्तन के लिए तमिलनाडु गवर्निंग काउंसिल के सदस्य शामिल थे।