भारत-अमेरिका संबंध
भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं तथा हाल ही में कई राजनयिक वार्ताएं हुई हैं।
हालिया घटनाक्रम
- दिल्ली और वाशिंगटन दोनों में व्यापार चर्चा पुनः शुरू हो गई है।
- अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की।
- अमेरिकी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया, जो नए सिरे से जुड़ाव का संकेत है।
- राजदूत-पदनाम सर्जियो गोर की औपचारिक नियुक्ति अमेरिकी सीनेट में मतदान के बाद होने वाली है।
- संभावित उच्च स्तरीय बैठकें अपेक्षित हैं, जैसे कि आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच तथा भारत में क्वाड शिखर सम्मेलन के बीच।
प्रमुख चर्चाएँ और मुद्दे
- रुबियो-जयशंकर वार्ता में निरंतर संवाद के महत्व पर जोर दिया गया।
- चर्चा में व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों पर चर्चा हुई।
- वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल कृषि, डेयरी और जीएम खाद्य पदार्थों के लिए बाजार पहुंच जैसे मुद्दों के समाधान पर आशावाद के साथ व्यापार वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं।
चुनौतियाँ और चिंताएँ
- चाबहार बंदरगाह परिचालन के लिए भारत की प्रतिबंध छूट को रद्द करने तथा H-1B पेशेवरों के लिए 100,000 डॉलर का वीजा शुल्क लगाने सहित हाल की अमेरिकी कार्रवाइयों ने चुनौतियां उत्पन्न कर दी हैं।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में राष्ट्रपति ट्रम्प के भाषण में रूसी तेल खरीद और भारत-पाकिस्तान संघर्ष के संबंध में भारत पर दबाव बढ़ाने का सुझाव दिया गया।
द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव
- भारत को संभावित वार्ता रणनीतियों से निपटना होगा जो साझेदारी को कमजोर कर सकती हैं।
- नई दिल्ली को आगे भी असफलताओं के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन यदि आवश्यक हो तो उसे पीछे हटने पर भी विचार करना चाहिए।