प्रधानमंत्री का जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान का दौरा
वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच पश्चिम एशिया और अफ्रीका के साथ भारत के व्यापार और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने हाल ही में जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान का दौरा किया।
टूर की मुख्य विशेषताएं
- बाह्य संदेश:
- इस दौरे में क्षेत्रीय नेताओं की ओर से अप्रत्याशित कार्य देखने को मिले, जैसे कि इथियोपिया के प्रधानमंत्री और जॉर्डन के युवराज ने व्यक्तिगत रूप से भारतीय प्रधानमंत्री को गाड़ी से यात्रा कराई।
- भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता (FTA):
- राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
- व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) 2022 में संयुक्त अरब अमीरात के बाद पश्चिम एशियाई देश के साथ दूसरा मुक्त व्यापार समझौता है।
- यह समझौता भारत को ओमान के बाजार में लगभग सार्वभौमिक शुल्क-मुक्त पहुंच (98.08% टैरिफ लाइनों पर) प्रदान करता है, जिसमें 97.96% के लिए तत्काल टैरिफ समाप्ति शामिल है।
- भारत ने ओमान से आयात होने वाले लगभग 95% आयात को उदार बना दिया है।
- प्रमुख सेवा क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों द्वारा 100% प्रत्यक्ष निवेश (FDI) का प्रावधान।
- मस्कट भारत को कच्चे संगमरमर के ब्लॉकों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर सहमत हो गया है।
- भारत-जॉर्डन संबंध:
- जॉर्डन भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और उर्वरकों का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।
- आर्थिक हितों को मजबूत करने वाले कई सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
- भारत-इथियोपिया सहयोग:
- अफ्रीका के एक रणनीतिक देश इथियोपिया में निवेश के अवसरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना।
- 675 भारतीय कंपनियों ने मुख्य रूप से वस्त्र और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों में 6.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
- भारत इथियोपिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है, लेकिन उसे सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता है, खासकर चीन और तुर्की की तुलना में।
- भारत ने इथियोपिया की ब्रिक्स सदस्यता में भूमिका निभाई और भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन पर चर्चा कर रहा है।
इस दौरे का महत्व
तीन देशों की यह यात्रा आर्थिक सहयोग और विस्तार पर केंद्रित इस क्षेत्र के साथ भारत के पारंपरिक संबंधों की निरंतरता को दर्शाती है। चुनौती इस बात में निहित है कि नई दिल्ली रणनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए इस गति का प्रभावी ढंग से कैसे लाभ उठा सकती है।