रोहिंग्या शरणार्थी संकट: बांग्लादेश की वैश्विक कार्रवाई की अपील
26 सितंबर, 2025 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान, बांग्लादेश के अंतरिम नेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों की गंभीर स्थिति पर प्रकाश डाला।
वर्तमान स्थिति
- बांग्लादेश में लगभग 1.3 मिलियन रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं।
- अधिकांश शरणार्थी 2017 के सैन्य दमन के दौरान म्यांमार से भागे थे, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने "जातीय सफाए का एक उदाहरण" करार दिया था।
- शरणार्थी कॉक्स बाजार में भीड़भाड़ वाले बांस के आश्रयों में रह रहे हैं, जहां उन्हें मिलने वाली सहायता और शिक्षा के अवसर कम होते जा रहे हैं।
चुनौतियाँ और चेतावनियाँ
- राशन में कटौती: श्री यूनुस ने संभावित खाद्य राशन कटौती की चेतावनी दी, जिससे सहायता राशि घटकर "प्रति व्यक्ति मात्र 6 डॉलर" रह जाएगी।
- निरंतर उत्पीड़न: म्यांमार के रखाइन राज्य में उत्पीड़न बिना रोक-टोक जारी है।
- यह संकट क्षेत्रीय स्थिरता और रोहिंग्या की संभावित सुरक्षित वापसी के लिए खतरा है।
कार्यवाई के लिए बुलावा
- श्री यूनुस ने मौजूदा दानदाताओं से योगदान बढ़ाने तथा संभावित दानदाताओं से नए सहयोग का आग्रह किया।
- उन्होंने रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के लिए समान अधिकार और नागरिकता सुनिश्चित करने हेतु राजनीतिक समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।
- बांग्लादेश, जिसे "दूसरा पीड़ित" बताया गया है, व्यापक अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी की मांग करता है।
आगामी सम्मेलन
- 30 सितम्बर के उच्च स्तरीय सम्मेलन में नये वित्त पोषण को जुटाने तथा स्थायी समाधान के लिए रोडमैप तैयार करने की उम्मीद है।
- म्यांमार के रखाइन राज्य में बढ़ते संघर्ष के कारण स्थिति की गंभीरता और भी बढ़ गई है, जिससे और अधिक विस्थापन हो रहा है।