थाईलैंड और कंबोडिया के बीच उन्नत युद्धविराम समझौता
थाईलैंड और कंबोडिया ने एक उन्नत युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा सुगम बनाया गया है, संघर्ष में ट्रम्प की भागीदारी के कारण उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
पृष्ठभूमि और महत्व
- यह युद्धविराम तीन महीने पहले ट्रम्प के हस्तक्षेप द्वारा शुरू किए गए पिछले युद्धविराम पर आधारित है।
- इस संघर्ष में पांच दिनों तक रॉकेट और तोपखाने का आदान-प्रदान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 48 लोगों की मृत्यु हो गई और लगभग 300,000 लोग अस्थायी रूप से विस्थापित हो गए।
- संघर्ष में मध्यस्थता में ट्रम्प की भूमिका को उनकी वैश्विक शांतिदूत की छवि के रूप में उजागर किया गया है।
समझौते का विवरण
- इस समझौते पर आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये गये, जिसमें क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया।
- इसमें आसियान पर्यवेक्षक दल की स्थापना, सैन्य तनाव में कमी, तथा सीमा क्षेत्र से भारी हथियारों को हटाना शामिल है।
- इन उपायों के कार्यान्वयन के आधार पर थाईलैंड 18 कम्बोडियाई युद्धबंदियों को रिहा करेगा।
- दोनों देश बारूदी सुरंगों को हटाने के लिए समन्वय करेंगे, जो सीमा पर गश्त के दौरान एक थाई सैनिक के घायल होने के बाद एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
नेताओं के बयान
- थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण समाधान के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
- कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि संघर्षों का समाधान, चाहे उनकी जटिलता कितनी भी हो, शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।
व्यापक प्रभाव
यह समझौता ट्रम्प के लिए एक कूटनीतिक सफलता है, जो विभिन्न वैश्विक मध्यस्थता प्रयासों में उनके प्रशासन की भागीदारी को दर्शाता है, जैसे कि गाजा, आर्मेनिया-अजरबैजान संघर्ष तथा भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को हल करने के प्रयास, साथ ही यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के प्रयास।