चीन-आसियान मुक्त व्यापार समझौते का विस्तार
अमेरिका के बढ़ते संरक्षणवाद के बीच, चीन ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते के विस्तारित संस्करण पर हस्ताक्षर किए हैं। आसियान-चीन मुक्त व्यापार क्षेत्र 3.0 के नाम से ज्ञात इस समझौते का उद्देश्य चीन और आसियान देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मज़बूत करना है।
समझौते की मुख्य विशेषताएं
- यह समझौता मूल मुक्त व्यापार समझौते का तीसरा संशोधन है, जिस पर पहली बार 2002 में हस्ताक्षर किये गये थे तथा इसे 2010 में क्रियान्वित किया गया था।
- इसमें 2 अरब से अधिक लोगों का संयुक्त बाजार शामिल है, जो टैरिफ में कमी लाने तथा सेवाओं और निवेश के प्रवाह को बढ़ावा देने में सहायक है।
- चीन और आसियान के बीच व्यापार की मात्रा 2010 के 235.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर हाल के वर्षों में लगभग 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गयी है।
संभावित लाभ
- उन्नत समझौते का उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला और संधारणीयता को बढ़ाना है।
- यह अमेरिका की मौजूदा आर्थिक नीतियों के बीच गैर-अमेरिकी देशों द्वारा व्यापार संबंधों को मजबूत करने की वैश्विक प्रवृत्ति पर प्रकाश डालता है।
- इस समझौते में डिजिटल व्यापार, हरित अर्थव्यवस्था, संधारणीयता और लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs) के लिए समर्थन जैसे नए क्षेत्रों को शामिल किए जाने की उम्मीद है।
सामरिक महत्व
चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने "एकता में शक्ति है " के आदर्श वाक्य का हवाला देते हुए वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं पर काबू पाने के लिए सहयोग के महत्व पर बल दिया। आसियान के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम समझौते पर हस्ताक्षर के साक्षी बने।
आसियान कई वर्षों से चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है और अब यह व्यापारिक संबंध चीन के लिए भी पारस्परिक रूप से महत्वपूर्ण है।
वैश्विक आर्थिक संदर्भ
यह व्यापार विस्तार अमेरिका-चीन व्यापार संघर्ष के व्यापक होने की संभावना के बीच हो रहा है, जिससे वैश्विक आर्थिक विकास को खतरा है। हालाँकि, ऐसे संकेत हैं कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौता निकट आ रहा है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी नेता शी जिनपिंग के बीच दक्षिण कोरिया में बातचीत जारी रहने वाली है।