टाइफाइड संयुग्मी टीके (TCV) का परिचय
2017 में WHO द्वारा पूर्व-योग्य घोषित किए गए पहले टाइफाइड संयुग्म टीकों में से एक भारत बायोटेक द्वारा निर्मित टाइपबार TCV था, जिसका निर्माण 2013 से किया जा रहा है।
वैश्विक अपनापन और भारत की भूमिका
- बांग्लादेश ने हाल ही में विश्व स्तर पर आठवें देश के रूप में TCV की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य 9 महीने से 15 वर्ष की आयु के लगभग 50 मिलियन बच्चों को शामिल करना है।
- भारत इस पहल के लिए एक प्रमुख टीका आपूर्तिकर्ता है, लेकिन उसने TCV को अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं किया है।
बांग्लादेश में टाइफाइड की चुनौतियाँ
विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि: ब्राह्मणबारिया मेडिकल कॉलेज के जकीउर रहमान के अनुसार, टाइफाइड का अधिक प्रभाव, निदान में कठिनाइयां और तर्कहीन उपचार दवा प्रतिरोध में योगदान करते हैं।
टाइफाइड का संचरण और प्रभाव
- यह रोग साल्मोनेला टाइफी के कारण होता है, जो दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है।
- बच्चे बुरी तरह प्रभावित होते हैं, जिससे स्कूल और गतिविधि के दिनों में कमी आती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष 9-12 मिलियन संक्रमण होते हैं तथा 100,000 से अधिक मौतें होती हैं, जिनमें भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान हॉटस्पॉट हैं।
भारत में स्थिति
SEFI अध्ययन (2017-2020) से शहरी क्षेत्रों में टाइफाइड की उच्च घटना का पता चला, भू-सांख्यिकीय मॉडलिंग के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 4.5 मिलियन मामले और 8,930 मौतें होती हैं।
जटिलताएँ और निदान
- टाइफाइड डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की तरह होता है, जिससे निदान जटिल हो जाता है।
- रक्त संवर्धन अनुशंसित निदान परीक्षण है, लेकिन यह व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है।
- WIDAL परीक्षण अविश्वसनीय है और इसका दुरुपयोग किया जाता है।
दवा प्रतिरोध और उपचार
- एजिथ्रोमाइसिन और सेफ्ट्रिएक्सोन जैसे एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध बढ़ रहा है।
- पाकिस्तान से व्यापक रूप से दवा प्रतिरोधी (XDR) प्रजातियों के भारत पर प्रभाव का खतरा।
जल और स्वच्छता के मुद्दे
स्वच्छ भारत मिशन जैसी पहलों के बावजूद, सुरक्षित जल आपूर्ति सीमित बनी हुई है, तथा केवल 6% शहरी परिवारों को ही सुरक्षित जल उपलब्ध है।
टाइफाइड वैक्सीन परिचय के लिए सिफारिशें
- टीकाकरण को WASH उपायों, बेहतर निदान और दवा-पर्ची विनियमन के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन इसकी प्रभावशीलता और लागत दक्षता के लिए TCV की दृढ़ता से अनुशंसा करता है।
भारत में वैक्सीन का विकास और परीक्षण
भारत में भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट और ज़ाइडस लाइफसाइंसेज द्वारा निर्मित TCV उपलब्ध हैं। नवी मुंबई में हुए क्षेत्रीय परीक्षण इसकी प्रभावकारिता की पुष्टि करते हैं।
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) समावेशन
- TCV की निजी क्षेत्रक की उच्च लागत के कारण स्वास्थ्य समानता के लिए UIP में इसे शामिल करना आवश्यक हो गया है।
- टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) 2016 से इस पर विचार कर रहा है।
- GAVI के साथ रणनीतिक साझेदारी स्थापित हो चुकी है, लेकिन TCV पर कार्रवाई लंबित है।
निष्कर्ष
टाइफाइड के अधिक प्रभाव और उपलब्ध टीका विशेषज्ञता के साथ, भारत को टाइफाइड को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में TCV को शामिल करने की आवश्यकता है।