भारत की स्वच्छ औद्योगिक परियोजनाएँ
भारत सतत औद्योगिक विकास में एक प्रमुख देश के रूप में तेजी से उभर रहा है, तथा चीन और अमेरिका के बाद विश्व भर में स्वच्छ औद्योगिक परियोजनाओं की तीसरी सबसे बड़ी संख्या भारत के पास है।
निवेश और आर्थिक प्रभाव
- भारत की परियोजना पाइपलाइन के लिए अनुमानित 150 बिलियन डॉलर से अधिक पूंजी निवेश की आवश्यकता है।
- यह निवेश आवश्यकता वित्त वर्ष 2025 में भारत को प्राप्त होने वाले कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह से लगभग दोगुनी है।
क्षेत्र-विशिष्ट विकास
- पाइपलाइन में मुख्य रूप से निम्नलिखित ग्रीनफील्ड सुविधाएं शामिल हैं:
- रसायन
- हाइड्रोजन और बंदरगाह अवसंरचना
- मुख्य औद्योगिक उत्पादन परिसंपत्तियाँ
रणनीतिक अवसर और पहल
- निवेश 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य है:
- औद्योगिक विकास में तेजी लाना
- घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना
- भारत को स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना
विकास और रोजगार
- भारत प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन और खपत में वृद्धि के साथ एक वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है:
- इस्पात
- सीमेंट
- रसायन
- विमानन
- शिपिंग
- ये क्षेत्र आर्थिक विकास और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।