मेघालय में उमंगोट नदी: पर्यावरणीय चिंताएँ
मेघालय में अपने स्वच्छ जल के लिए प्रसिद्ध उमंगोट नदी का जल वर्तमान में मटमैला हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों में चिंता उत्पन्न हो गई है।
पर्यटकों पर प्रभाव
- यह नदी पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिले से होकर बहती है और पर्यटकों को दावकी और श्नोंगपडेंग जैसे स्थानों की ओर आकर्षित करती है।
- मानसून के बाद नदी आमतौर पर अक्टूबर के मध्य तक साफ हो जाती है, लेकिन इस वर्ष यह अपारदर्शी बनी हुई है, जिससे पर्यटकों को निराशा हो रही है।
संदिग्ध कारण
- राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) द्वारा शिलांग-डॉकी कॉरिडोर निर्माण को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है।
- नदी में मिट्टी और निर्माण मलबे डाले जाने की खबरें हैं, विशेष रूप से उमटींगर और दावकी के पास।
सरकार और पर्यावरण प्रतिक्रिया
- शिलांग के सांसद रिकी सिंगकोन ने केंद्रीय परिवहन एवं पर्यावरण मंत्री से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
- मेघालय के कैबिनेट मंत्री लखमेन रिम्बुई ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार की जागरूकता और कार्रवाई का संकेत दिया।
- मेघालय राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनएचआईडीसीएल को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करने और नदी से अपशिष्ट हटाने के निर्देश जारी किए हैं।
वर्तमान निर्माण स्थिति
- इस परियोजना के तहत शिलांग से दावकी तक 81 किलोमीटर लंबी सड़क को दो लेन वाले राजमार्ग में उन्नत किया जाएगा।
- नदी पर 100 मीटर की ऊंचाई पर 400 मीटर लंबा एक महत्वपूर्ण पुल निर्माणाधीन है।
NHIDCL के एक अधिकारी ने पुल निर्माण की चुनौती को स्वीकार किया तथा नदी के रंग परिवर्तन के सटीक स्रोत का पता लगाने के प्रयासों का उल्लेख किया।