भारत में जनरेटिव एआई पर चिंताएँ
भारत सरकार डेटा गोपनीयता और अनुमान क्षमताओं से जुड़े संभावित जोखिमों के कारण, विशेष रूप से विदेशी फर्मों द्वारा प्रबंधित जनरेटिव एआई (जेनAI) प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग के निहितार्थों पर सक्रिय रूप से विचार-विमर्श कर रही है। यह चिंता सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों में AI उपकरणों के बढ़ते एकीकरण के बीच उत्पन्न हो रही है।
मुख्य चर्चा बिंदु
- अनुमान जोखिम:
- AI प्रणालियां संकेतों से उपयोगकर्ताओं के रणनीतिक इरादों की पहचान कर सकती हैं।
- नौकरशाहों और कॉर्पोरेट नेताओं जैसे उच्च-कार्यशील व्यक्तियों की प्राथमिकताओं और कमजोरियों का संभावित मानचित्रण।
- वैश्विक कम्पनियों द्वारा व्यापक रणनीतिक अंतर्दृष्टि के लिए अनाम उपयोगकर्ता डेटा का लाभ उठाने के बारे में चिंता।
- सरकारी उपाय:
- वित्त मंत्रालय ने सरकारी डेटा की गोपनीयता की रक्षा के लिए आधिकारिक उपकरणों पर चैटGPT और डीपसीक जैसे AI टूल्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- सरकारी प्रणालियों को विदेशी एआई सेवाओं से बचाने के विषय पर सरकार के भीतर बहस चल रही है।
- स्वदेशी विकास:
- भारत 10,370 करोड़ रुपये के भारत AI मिशन के तहत स्थानीय वृहद भाषा मॉडल (LLM) के विकास में निवेश कर रहा है।
- कम से कम 12 LLM विकास के चरण में हैं, तथा वर्ष के अंत तक इनके प्रशासन और सार्वजनिक क्षेत्र के अनुप्रयोगों पर लक्षित होने की उम्मीद है।
रणनीतिक बदलाव और सिफारिशें
- घरेलू डिजिटल उपकरणों को प्रोत्साहन:
- अमेरिका के साथ व्यापार तनाव के बीच सरकार स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग पर जोर दे रही है।
- हाल के प्रशासनिक बदलावों में IT मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा ज़ोहो के भारतीय कार्यालय सुइट को अपनाना शामिल है।
- वैश्विक संदर्भ और ऐतिहासिक कार्यवाहियाँ:
- विदेशी प्लेटफार्मों को प्रतिस्थापित करने के ऐतिहासिक प्रयास, जैसे कि ट्विटर पर कू को बढ़ावा देना, नोट किए गए हैं।
- भारत ने पहले चीन के साथ सीमा तनाव के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से टिकटॉक जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क:
- इंडियाAI मिशन के अंतर्गत एक उपसमिति ने भारत-विशिष्ट जोखिम मूल्यांकन ढांचा बनाने की सिफारिश की।
- AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क विकसित करने के लिए "संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण" अपनाने की सलाह दी जाती है।
GenAI कंपनियों के साथ वर्तमान घटनाक्रम
- ओपनAI का चैटGPT गो, अल्फाबेट का जेमिनी प्रो और पेरप्लेक्सिटी एआई दूरसंचार साझेदारी के माध्यम से भारतीय उपयोगकर्ताओं को मुफ्त पहुंच प्रदान कर रहे हैं।