प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) में अनियमितताएं
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा 2015 में शुरू किया गया एक प्रमुख प्रशिक्षण कार्यक्रम है। कौशल विकास के अपने लक्ष्यों के बावजूद, इस योजना को महत्वपूर्ण अनियमितताओं का सामना करना पड़ा है।
प्रमुख अनियमितताएँ
- अनुपस्थित छात्र और फर्जी दस्तावेज।
- प्रशिक्षण केन्द्र (TC) और प्रशिक्षण साझेदार (TP) का अस्तित्व नहीं है।
योजना कार्यान्वयन और चुनौतियाँ
2022 में शुरू की गई उन्नत पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत 1.64 करोड़ से ज़्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। हालाँकि, इस योजना में कुछ समस्याएँ हैं:
- बढ़े हुए बिल और अनुपस्थित छात्रों से संबंधित शिकायतें।
- अनुपालन न करने के कारण 178 TP और TC को काली सूची में डाल दिया गया है।
- चूककर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और भुगतान की वसूली शुरू कर दी गई है।
राज्यवार ब्लैकलिस्टिंग
- उत्तर प्रदेश: 59 TP और TC को काली सूची में डाला गया।
- दिल्ली: 25 TP और TC को काली सूची में डाला गया।
- मध्य प्रदेश: 24 TP और TC को काली सूची में डाला गया।
- राजस्थान: 20 TP और TC को काली सूची में डाला गया।
- जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों में एक-एक TP और TC को काली सूची में डाला गया है।
सरकार की कार्रवाइयाँ और प्रतिक्रियाएँ
मंत्रालय ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के साथ मिलकर निम्नलिखित मुद्दों के समाधान के लिए कदम उठाए हैं:
- चूककर्ताओं की पहचान करने के लिए निरंतर निगरानी और निरीक्षण रिपोर्ट का उपयोग किया गया है।
- FIR, वित्तीय वसूली और ब्लैकलिस्टिंग सहित कानूनी कार्रवाई लागू की गई है।
NSDC के विवाद
NSDC विवादों में घिरा रहा है, जिसमें CEO वेद मणि तिवारी को पद से हटाना तथा अधिकारियों के खिलाफ कुप्रबंधन की पुलिस शिकायत शामिल है।