गूगल क्रिसमस द्वीप पर शक्तिशाली AI डेटा सेंटर की योजना बना रहा है
गूगल, हिंद महासागर में स्थित एक सुदूर ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र, क्रिसमस द्वीप पर एक महत्वपूर्ण कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) डेटा केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है। यह पहल ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग के साथ एक क्लाउड समझौते के बाद की गई है। यह परियोजना इंडोनेशिया से द्वीप की निकटता और क्षेत्रीय रक्षा रणनीतियों में इसकी उभरती भूमिका के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
सामरिक महत्व
- इंडोनेशिया से 350 किमी दक्षिण में स्थित इस द्वीप को चीनी नौसैनिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
- हाल ही में हुए एक युद्ध अभ्यास में इस द्वीप की मानवरहित हथियार प्रणालियों के प्रक्षेपण स्थल के रूप में क्षमता को रेखांकित किया गया।
- पूर्व अमेरिकी नौसेना रणनीतिकार ब्रायन क्लार्क ने चीन के साथ संभावित संकटों में AI-सक्षम कमांड और नियंत्रण क्षमताओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
बुनियादी ढांचे और सामुदायिक प्रभाव
- गूगल हवाई अड्डे के निकट भूमि पट्टे और स्थानीय कंपनियों के साथ ऊर्जा आपूर्ति सौदों पर बातचीत कर रहा है।
- द्वीप को डार्विन से जोड़ने वाली एक समुद्री केबल अमेरिकी कंपनी सबकॉम द्वारा स्थापित की जाएगी।
- क्रिसमस आइलैंड शायर के अध्यक्ष स्टीव परेरा जैसे स्थानीय अधिकारी अनुमोदन से पहले सामुदायिक प्रभावों के मूल्यांकन पर जोर देते हैं।
आर्थिक और रक्षा निहितार्थ
- यह परियोजना द्वीप के 1,600 निवासियों को बुनियादी ढांचा, रोजगार और आर्थिक लाभ प्रदान कर सकती है।
- अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच स्थित इस द्वीप को देखते हुए गूगल को व्यावसायिक लाभ होगा।
- रक्षा गतिविधियों में वृद्धि से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है, हालांकि पर्यटन पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चिंताएं हैं।
कुल मिलाकर, क्रिसमस द्वीप पर प्रस्तावित डेटा सेंटर को संभावित आर्थिक लाभ वाली एक रणनीतिक परिसंपत्ति के रूप में देखा जा रहा है, जिसके लिए सामुदायिक प्रभावों और रणनीतिक लाभों पर सावधानीपूर्वक विचार करना आवश्यक है।