भारतीय अर्थव्यवस्था पर बाहरी और आंतरिक कारकों का प्रभाव
भारतीय अर्थव्यवस्था ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के प्रभावों के प्रति लचीलापन दिखाया है, जिसमें माल और सेवा कर (GST), त्यौहारी सीजन और अनुकूल मानसून जैसे आंतरिक कारकों का संयोजन सहायक रहा है।
आर्थिक लचीलेपन में योगदान देने वाले कारक
- GST और त्यौहार का समय:
- GST दर में कटौती रणनीतिक रूप से 22 सितंबर से लागू की गई, जो कि नवरात्रि उत्सव के साथ ही शुरू हुई।
- पिछले वर्ष की तुलना में दशहरा और दिवाली का पहले आना उपभोग भावना को बढ़ावा देने में सहायक रहा।
- बेहतर बिक्री:
- वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई: दोपहिया वाहन (21.8%), यात्री वाहन (23.4%), तिपहिया वाहन (8.9%), और वाणिज्यिक वाहन (15%)।
- भरपूर मानसून के कारण ट्रैक्टर की बिक्री में 14.2% की वृद्धि हुई।
- घरेलू उपभोग वसूली:
- घरेलू उपभोग में पुनः सुधार हुआ, जो पहले कमजोर रोजगार बाजार और लगातार मुद्रास्फीति जैसे कारकों के कारण गिरावट में था।
- वार्षिक उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर में 99 महीने के निम्नतम स्तर 1.5% पर आ गई, जिससे इस सुधार में सहायता मिली।
भविष्य का आर्थिक दृष्टिकोण
- ग्रामीण नकदी प्रवाह:
- खरीफ और आगामी रबी फसल की अच्छी पैदावार से ग्रामीण नकदी प्रवाह में सुधार की उम्मीद के साथ-साथ नवंबर से मार्च तक चलने वाले विवाह सीजन से खुदरा क्षेत्र में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है।
- वैश्विक एवं घरेलू विकास चालक:
- सितंबर 2025 में सेवाओं का निर्यात सितंबर 2024 की तुलना में 5.5% कम हो गया, जबकि व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात 6.8% बढ़ा, लेकिन अमेरिका को साल-दर-साल 11.9% कम रहा।
- चूंकि अंतर्राष्ट्रीय टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव जारी है, इसलिए घरेलू कारक विकास को गति प्रदान करेंगे।
निजी निवेश का महत्व
- निवेश में ठहराव:
- बैंकों और कंपनियों की बैलेंस शीट स्वस्थ होने के बावजूद मांग की कमी के कारण निवेश रुका हुआ है।
- रोजगार सृजन और आय:
- रोजगार सृजन और उच्च आय के साथ ही मांग में स्थायी वृद्धि होगी, जिससे सकारात्मक आर्थिक चक्र शुरू होगा।
सामाजिक चिंताएँ और आर्थिक विकास
- बिहार चुनाव और रोजगार संबंधी चिंताएँ:
- बिहार चुनावों ने बेरोजगारी और पलायन पर मतदाताओं की चिंताओं को उजागर किया तथा लाभकारी रोजगार के अवसरों की आवश्यकता पर बल दिया।
- आर्थिक विकास:
- सच्ची आर्थिक वृद्धि, मौसमी उत्सवों से आगे बढ़कर, उद्यमशीलता और उपभोक्ता भावना को उन्मुक्त करने पर निर्भर करती है।