दिल्ली जल बोर्ड के संचालन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का एकीकरण
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने जल और सीवेज उपचार संयंत्रों के लिए भूजल पुनर्भरण और रखरखाव कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को शामिल करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ सहयोग शुरू किया है।
साझेदारी विवरण
- DJB और IIT कानपुर के ऐरावत रिसर्च फाउंडेशन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- इसका उद्देश्य दिल्ली के जल और अपशिष्ट जल नेटवर्क के बेहतर प्रबंधन के लिए AI-आधारित प्रणालियां विकसित करना है।
प्रमुख फोकस क्षेत्र
- AI-संचालित समाधान:
- गैर-राजस्व जल में कमी
- पूर्वानुमानित रखरखाव
- जल और सीवेज उपचार संयंत्रों की वास्तविक समय निगरानी
- डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी:
- DJB की जल प्रणालियों की आभासी प्रतिकृतियों का निर्माण
- रिसाव, दबाव में गिरावट और सिस्टम की अक्षमताओं का शीघ्र पता लगाने में सक्षम बनाता है
- एआई-सक्षम लोक शिकायत निवारण:
- त्वरित शिकायत समाधान
- सटीक बिलिंग
स्वच्छ यमुना मिशन के लिए समर्थन
- अपशिष्ट जल निर्वहन और प्रदूषण स्रोतों की एआई-सहायता प्राप्त निगरानी
- यमुना नदी में अनुपचारित सीवेज प्रवाह को कम करने का लक्ष्य
भू-जल प्रबंधन
- बोरवेल, सेंसर और उपग्रह इमेजरी से प्राप्त डेटा का उपयोग करके AI-सहायता प्राप्त निगरानी और पुनर्भरण योजना
- दिल्ली के जलभृतों की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग और टिकाऊ प्रबंधन
- जल मांग और पुनर्भरण क्षेत्रों पर सूचित निर्णय लेने के लिए पूर्वानुमानित विश्लेषण
डेटा गोपनीयता और अनुपालन
- डेटा गोपनीयता और स्वामित्व DJB के पास रहेगा
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 और अन्य लागू कानूनों का अनुपालन
परियोजना निरीक्षण
- DJB के मुख्य कार्यकारी अधिकारी परियोजना निदेशक के रूप में कार्य करेंगे।
- ARF की तकनीकी टीम के साथ समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने इस पहल को "शहरी जल प्रबंधन का भविष्य" बताया है, जिसमें दक्षता में सुधार और सार्वजनिक सेवा वितरण में नागरिकों के विश्वास के पुनर्निर्माण पर जोर दिया गया है।