मसौदा बीज विधेयक, 2025
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने नए बीज विधेयक, 2025 का मसौदा जारी किया है, जो मौजूदा बीज अधिनियम, 1966 में महत्वपूर्ण बदलाव करता है। इस नए कानून का उद्देश्य बीज की गुणवत्ता को और अधिक सख्ती से विनियमित करना है।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
- अनिवार्य पंजीकरण:
- निर्यात के लिए या किसानों की किस्म के रूप में वर्गीकृत बीज किस्मों को छोड़कर सभी बीज किस्मों को बुवाई या रोपण के लिए बेचे जाने से पहले पंजीकृत किया जाना चाहिए।
- बीज अधिनियम, 1966 की धारा 5 के अंतर्गत अधिसूचित मौजूदा किस्में नए कानून के अंतर्गत स्वतः पंजीकृत हो जाएंगी।
- दंड और अपराध:
- अपराधों को मामूली, लघु और बड़े में वर्गीकृत किया गया है, तथा बड़े अपराधों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है।
- प्रमुख अपराधों में नकली या गैर-पंजीकृत बीजों की बिक्री और गैर-पंजीकृत व्यावसायिक संचालन शामिल हैं।
- बड़े अपराधों के लिए जुर्माना 30 लाख रुपये तक और तीन साल तक की कैद हो सकती है।
विधेयक का उद्देश्य
इस विधेयक का उद्देश्य बिक्री और आयात के लिए बीजों की गुणवत्ता को विनियमित करना और गुणवत्तापूर्ण बीजों का उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य एक अधिक सुदृढ़ कानूनी ढाँचा स्थापित करके कृषि क्षेत्र को सुविधा प्रदान करना भी है।
सार्वजनिक परामर्श
यह मसौदा 11 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए खुला है, तथा इसमें हितधारकों से प्रस्तावित विनियमों पर अपने सुझाव देने का अनुरोध किया गया है।
ऐतिहासिक संदर्भ
सरकार ने इससे पहले 2004 और 2019 में बीज विधेयक पेश किए थे, लेकिन उन्हें कानून नहीं बनाया जा सका।