केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कई विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी, जो देश में प्रमुख उद्योगों और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
दुर्लभ भू स्थायी चुंबक योजना
- बजट: ₹7,280 करोड़
- लाभार्थी: रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण उद्योग
- भू-राजनीतिक महत्व: अमेरिका-चीन विवाद द्वारा उजागर, दुर्लभ मृदा की महत्ता को रेखांकित करता है।
- उत्पादन लक्ष्य: भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) एकीकृत दुर्लभ भू स्थायी चुंबक विनिर्माण की स्थापना।
- कार्यान्वयन की आवश्यकताएं:
- प्रौद्योगिकी तक पहुँच को प्राथमिकता दें
- उच्च गुणवत्ता वाली प्रसंस्करण क्षमता सुनिश्चित करना
- ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) मानकों को बनाए रखना
पुणे मेट्रो विस्तार
- बजट: ₹9,857.85 करोड़
- परियोजना विवरण: चरण-2 के तहत लाइन 4 (खराडी-हडपसर-स्वारगेट-खडकवासला) और लाइन 4A (नल स्टॉप-वारजे-माणिक बाग)
- पूरा होने की समय-सीमा: पांच वर्षों के भीतर
- वित्त-पोषण: केंद्र, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से
- सवारियों का अनुमान:
- 2028: 409,000 दैनिक सवारियां
- 2038: लगभग 700,000
- 2048: 963,000
- 2058: 1.17 मिलियन से अधिक
रेलवे परियोजनाएँ
- स्वीकृत परियोजनाएं:
- गुजरात में देवभूमि द्वारका (ओखा)-कनालूस रेलवे लाइन का दोहरीकरण
- महाराष्ट्र में बदलापुर-कर्जत खंड की तीसरी और चौथी लाइन
- कुल लागत: लगभग ₹2,781 करोड़
- मुख्य लाभ: द्वारकाधीश मंदिर तक बेहतर कनेक्टिविटी और सौराष्ट्र क्षेत्र का विकास
गुणक प्रभाव: मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इन पहलों से रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण में अपस्ट्रीम उद्योगों को काफी लाभ होने की उम्मीद है।