केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “सिन्टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स (REPMs) के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना” को स्वीकृति दी। इस योजना का उद्देश्य देश में रेयर अर्थ मैग्नेट्स की निरंतर और दीर्घकाल तक आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा इनके आयात पर निर्भरता कम करना है।
- सिंटरिंग (Sintering) के बारे में: सिंटरिंग एक प्रक्रिया है जिसमें मैग्नेट यानी चुंबकीय पदार्थों को बिना पिघलाए अत्यधिक तापमान पर गर्म किया जाता है। इससे मैग्नेट मजबूत होता है, उसकी चुंबकीय क्षमता बढ़ती है, और वह जंग लगने से अधिक सुरक्षित रहता है।
REPMs विनिर्माण योजना की मुख्य विशेषताएं
- वित्तीय परिव्यय: 7,280 करोड़ रुपये
- वित्तीय प्रोत्साहन व्यवस्था:
- 6,450 करोड़ रुपये: बिक्री-आधारित प्रोत्साहन (5 वर्षों तक)
- 750 करोड़ रुपये: संयंत्र/फैसिलिटी की स्थापना के लिए पूंजीगत सब्सिडी
- उद्देश्य:
- भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की एकीकृत REPMs विनिर्माण क्षमता स्थापित करना।
- लाभार्थियों में विनिर्माण क्षमता आवंटन:
- 6,000 MTPA क्षमता वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 5 लाभार्थियों को आवंटित की जाएगी।
- प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम 1,200 MTPA विनिर्माण क्षमता आवंटित की जा सकती है।
- “एंड-टू-एंड” विनिर्माण एकीकरण: यह योजना उन सुविधाओं के विनिर्माण का समर्थन करेगी जो पूरी उत्पादन श्रृंखला को शामिल करती हैं। पूरी उत्पादन श्रृंखला में शामिल है:
- रेयर अर्थ ऑक्साइड → धातुएं →मिश्र धातुएं →तैयार रेयर अर्थ स्थायी मैग्नेट्स।
- योजना की कुल अवधि: 7 वर्ष
- 2 वर्ष: संयंत्र/फैसिलिटी की स्थापना (विकास अवधि में प्रोत्साहन) के दौरान;
- 5 वर्ष: बिक्री के आधार पर आर्थिक प्रोत्साहन वितरण।
रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स (REPMs) के बारे में
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