जम्मू और कश्मीर में BSF द्वारा बेहतर सुरक्षा उपाय
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ 200 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बुनियादी ढांचे को लगातार बारिश और बाढ़ से हुई भारी क्षति के बाद, सुरक्षा और लचीलापन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं।
बाढ़ से हुए नुकसान पर प्रतिक्रिया
- क्षति का अवलोकन: अगस्त 2025 में आई बाढ़ ने BSF चौकियों और कांटेदार तार की बाड़ को बुरी तरह प्रभावित किया क्योंकि भारत से पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदियाँ उफान पर थीं।
- बाढ़ प्रभाव का इतिहास: BSF को 1988 और 2014 में इसी प्रकार की बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए रणनीतियां विकसित की गई हैं।
उन्नत सुरक्षा अवसंरचना
- अधिक लचीलापन: BSF ने अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया है, तथा अगस्त 2025 से पहले की व्यवस्था की तुलना में दो से तीन गुना बेहतर स्थिति में है।
- किए गए सुधार:
- कांटेदार तार की बाड़ की ऊंचाई बढ़ाई गई।
- निरंतर सुरक्षा के लिए बाड़ों में विद्युत प्रवाह बढ़ाया गया।
- सीमा गतिविधियों पर बेहतर निगरानी के लिए निगरानी केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई।
- निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए क्षतिग्रस्त नियंत्रण कक्षों का पुनर्निर्माण किया गया।
सहयोगात्मक प्रयास
- प्राप्त सहयोग: गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर सरकार और सहयोगी संगठनों के सहयोग ने बहाली प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वर्तमान स्थिति
- सीमा गतिविधि: वर्तमान में, जम्मू सीमांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कोई चिंताजनक गतिविधि नहीं है।
- सामुदायिक सहायता: BSF स्थानीय किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों, जैसे- गेहूं की फसल बोने में सक्रिय रूप से सहायता कर रही है, साथ ही पाकिस्तानी क्षेत्र में इसी प्रकार की गतिविधियों पर भी नजर रख रही है।