ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना द्वारा एआई का उपयोग
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निर्णय लेने की क्षमता और युद्धक्षेत्र जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वदेशी सैन्य सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का व्यापक रूप से उपयोग किया। इन क्षमताओं को एक सैन्य-विशिष्ट वृहद भाषा मॉडल (LLM) के साथ और भी बढ़ाया जाएगा, जिसके छह महीने के भीतर चालू होने की उम्मीद है।
विकास और तैनाती
- AI उपकरण स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं, सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का उपयोग करके प्रशिक्षित किए गए हैं, और भारत की सभी सीमाओं पर तैनाती के लिए बनाए गए हैं।
- लगभग 23 अनुप्रयोगों का उपयोग करके एक सामान्य परिचालन, खुफिया और रसद चित्र तैयार किया गया, जिसके लिए वास्तविक समय डेटा प्रसंस्करण की आवश्यकता थी।
- AI ने बहु-सेंसर और बहु-स्रोत डेटा संलयन को सुगम बनाया, जिससे खतरे के आकलन, खुफिया विश्लेषण और युद्धक्षेत्र की स्थिति की समीक्षा में सहायता मिली।
विशिष्ट AI अनुप्रयोग
- 7 से 10 मई तक पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान संसाधन प्राथमिकता निर्धारण के समर्थन हेतु हीट मैप तैयार किए गए थे।
- भारतीय मौसम विभाग के साथ मिलकर विकसित एक सटीक लक्ष्यीकरण ऐप ने सटीक तोपखाने की मुठभेड़ के लिए 72 घंटे का पूर्वानुमान प्रदान किया।
- संजय युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली (BSS) ने युद्धक्षेत्र में स्थानीय निर्णय लेने के लिए "एज AI" को सक्षम बनाया।
- एक इलेक्ट्रॉनिक खुफिया संयोजन अनुप्रयोग ने 26 वर्षों के डेटा के साथ प्रशिक्षित होकर, विरोधी सेंसरों और आवृत्तियों पर नज़र रखने में 90% से अधिक सटीकता हासिल की।
मानव-इन-द-लूप और नैतिक विचार
इस अभियान में "मानव-इन-द-लूप" दृष्टिकोण अपनाया गया, जिससे नैतिक शासन के लिए एआई-सक्षम निर्णय लेने में मानवीय भागीदारी सुनिश्चित हुई। AI उपकरण स्वायत्त रूप से कार्य करते हैं, लेकिन उनकी निगरानी मनुष्यों द्वारा की जाती है।
चल रही AI पहल
- "सेवा के रूप में AI" को पूरी सेना में लागू किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सैन्य कर्मियों को नागरिक स्मार्ट डिवाइस अनुप्रयोगों के समतुल्य उपकरणों तक पहुंच प्राप्त हो।
- "जिज्ञासा" सैन्य जनरेटिव AI सेना के भीतर वाणिज्यिक एआई मॉडल से स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
AI विकास और राष्ट्रीय संरेखण
भारतीय सेना विशिष्ट देशों को लक्ष्य किए बिना AI क्षमताओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो मार्च 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 10,371.92 करोड़ रुपये के बजट के साथ स्वीकृत भारत AI मिशन के अनुरूप है।